योगी सरकार के कार्यकाल में अबतक छह विधायकों की सदस्यता रद की जा चुकी है। आजम खान की सदस्यता रद होने के बाद रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है। विक्रम सैनी की सदस्यता रद होने से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव की घोषणा की जाएगी।
लखनऊ, कानूनी शिकंजे में फंसने के बाद योगी शासनकाल में छह विधायकों को अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है। इस सूची में अब भाजपा के एक और विधायक विक्रम सैनी का नाम जुड़ गया है। सैनी को एक मामले में दो वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद हुई है।
योगी शासनकाल में अब तक भाजपा के चार व सपा के दो विधायकों अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है। सपा विधायकों में आजम के अलावा उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम का भी नाम शामिल है।
भाजपा विधायकों में विक्रम सैनी के अलावा अशोक चंदेल, कुलदीप सिंह सेंगर व खब्बू तिवारी के नाम शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि सपा के टिकट पर वर्ष 2017 में रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक बने अब्दुल्ला आजम की सदस्यता फर्जी प्रमाणपत्र के मामले में गई थी।
दिसंबर, 2019 में लोक प्रतिनिधि अधिनियम के तहत उनका चुनाव शून्य घोषित करते हुए अब्दुल्ला का निर्वाचन रद किया गया था। हालांकि अब्दुल्ला के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध नहीं लगा था और वह वर्ष 2022 में स्वार सीट से ही विधानसभा सदस्य चुने गए थे। अन्य पांच विधायकों की सदस्यता कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद गई।