राजनाथ सिंह बोले- भारत ने युद्ध-हिंसा का कभी नहीं किया समर्थन, अन्याय के प्रति तटस्थ रहना हमारा स्वभाव नहीं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत कभी भी युद्ध और हिंसा का पक्षधर नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अन्याय और उत्पीड़न के प्रति तटस्थ नहीं रह सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम हमेशा अन्याय के खिलाफ ही दिखेंगे।

 

बेंगलुरु, एजेंसी। भारत न तो दूसरों को परेशान करता है और न ही देश को परेशान करने वालों को बख्शता है। भारत कभी भी युद्ध और हिंसा का पक्षधर नहीं रहा है। यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहीं। उन्होंने कहा कि भारत कभी यह अन्याय और उत्पीड़न के प्रति तटस्थ नहीं रह सकता है। उन्होंने इस दौरान भगवान कृष्ण के उपदेशों को भी याद किया।

अन्याय के प्रति तटस्थ रहना हमारे स्वभाव में नहींरक्षा मंत्री ने आगे कहा कि अन्याय और उत्पीड़न के प्रति तटस्थ रहना भारत के स्वभाव में नहीं है। राजनाथ इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) द्वारा बेंगलुरु के वसंतपुरा में भव्य राजाधिराज गोविंदा मंदिर में आयोजित गीता दान यज्ञ में बोल रहे थे। इस अवसर पर  कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ शामिल थे।

महाभारत के युद्ध की परिस्थितियों का किया जिक्रराजनाथ ने इसी के साथ उन परिस्थितियों की व्याख्या भी की जिनके कारण महाभारत का युद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि यह कुरुक्षेत्र के युद्ध का मैदान ही था जहां भगवान श्री कृष्ण ने अपना महाकाव्य व्याख्यान दिया था जिसे श्रीमद भगवद् गीता के नाम से जाना जाता है। उन्होंने श्रोताओं को यह भी बताया कि गीता की सामग्री इसे शाश्वत और सार्वभौमिक बनाती है। उन्होंने कहा कि भगवदगीता का पाठ करना और उसे जीवन में उतारना व्यक्ति को निर्भय बनाता है।

भारत कई बार रूस-युक्रेन युद्ध खत्म करने की कर चुका अपीलबता दें कि राजनाथ सिंह की तरह प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी हिंसा और युद्ध के खिलाफ बयान दे चुके हैं। रूस-युक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए भी दोनों नेताओं ने कई बड़े मंच पर बयान दिया है।

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