सई नदी के किनारे कुटी बनाकर रह रहे 85 वर्षीय साधु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। साधु की बेटी ने हत्या की आशंका जताई है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया व शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
रायबरेली । सई नदी के किनारे कुटी बनाकर रह रहे 85 वर्षीय साधु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। साधु की बेटी ने हत्या की आशंका जताई है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया व शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी। डीह थाने के खुरहटी निवासी जगमोहन दास गौतमन का पुरवा गांव के पास सई नदी के किनारे कुटी बनाकर रहते थे। शुक्रवार की सुबह ग्रामीणों ने देखा कि वे चारपाई के बगल मृत पड़े हैं। यह जानकारी उनकी छोटी बेटी अशोका कुमारी को दी।
मौके पर पहुंची बेटी ने पिता के शव को देखा तो हत्या किए जाने की आशंका जताते हुए सूचना पुलिस को दी। इसपर सीओ सलोन इंद्रपाल सिंह, डीह एसओ पवन प्रताप सिंह घटनास्थल पर पहुंचे व ग्रामीणों से जानकारी ली। साथ ही फॉरेंसिक टीम को बुलाया। टीम ने शव व कुटी के आसपास जांच की। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। थानाध्यक्ष ने बताया मृत साधु के शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान नही दिखे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का पता चल सकेगा। बहरहाल जांच की जा रही है। बताया गया कि जगमोहन दास की तीन पुत्रियां पुष्पा, ज्ञानवती व अशोका कुमारी हैं।
इनका विवाह हो चुका है। अशोका कुमारी ने बताया कि पिता ने लगभग 25 वर्ष पहले अपनी सारी जमीन ज्ञानवती के नाम कर दी थी। उसी के बाद वे साधु बन गए थे। मां पार्वती की मौत एक वर्ष पहले हो गयी थी। बकौल अशोका एक युवक ने लगभग आठ माह पूर्व कुटी में रह रहे पिता से रुपये छीन लिए थे। हालांकि, बाद में इसमें समझौता हो गया था। उसके बाद पिता से मारपीट की घटना भी हुई थी। इस कारण लगभग तीन माह से वे रामगंज के एक मंदिर में रह रहे थे। गत बुधवार की शाम ही रामगंज के मंदिर से कुटी में रहने आये थे। पीड़ित बेटी का कहना है कि शव बिस्तर से नीचे पड़ा था। ऐसे में आशंका है कि किसी ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी है।