रियल एस्टेट कंसल्टेंट एनाराक के अनुसार विभिन्न बैंकों गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) ने सेक्टर को करीब 10000 करोड़ डालर (वर्तमान भाव पर लगभग 7.4 लाख करोड़ रुपये) का कर्ज दिया हुआ है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बैंकों और विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा रियल एस्टेट सेक्टर को दिए गए कर्ज के एक-तिहाई हिस्से पर खासा दबाव है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट एनाराक के अनुसार विभिन्न बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) ने सेक्टर को करीब 10,000 करोड़ डालर (वर्तमान भाव पर लगभग 7.4 लाख करोड़ रुपये) का कर्ज दिया हुआ है। इसमें से 67 फीसद या 6,700 करोड़ डालर (लगभग 4,95,800 करोड़ रुपये) का कर्ज पूरी तरह सुरक्षित है, यानी बैंकों को यह हिस्सा मिल जाना लगभग निश्चित है। हालांकि शेष हिस्से पर या तो थोड़ा-बहुत, या अत्यधिक दबाव है।
एनाराक की शाखा एनाराक कैपिटल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि सेक्टर को दिए गए 15 फीसद कर्ज यानी 1,500 करोड़ डालर (करीब 1.11 लाख करोड़ रुपये) के कर्ज पर थोड़ा-बहुत दबाव है।
बैंकों को इस रकम में से मूलधन वापस मिल जाने की उम्मीद है। लेकिन शेष 1,800 करोड़ डालर (लगभग 1,33,200 करोड़ रुपये) पर भारी दबाव है। यह रकम उन रियल एस्टेट डेवलपरों को दी गई है, जिनके पास कई कारणों से कर्ज लौटाने की गुंजाइश नहीं के बराबर है।
एनाराक कैपिटल के अनुसार कुल कर्ज में से बैंकों और एचएफसी के कर्ज का बड़ा हिस्सा सुरक्षित है। बैंकों द्वारा सेक्टर को दिया गया 75 फीसद और एचएफसी द्वारा दिया गया 66 फीसद कर्ज सुरक्षित यानी वापस मिल जाने की स्थिति में है। लेकिन एनबीएफसी द्वारा रियल एस्टेट सेक्टर को दिया गया 46 फीसद कर्ज निगरानी की सूची में है।
एनाराक का कहना है कि ‘ए’ ग्रेड के डेवलपरों को दिया गया करीब 75 फीसद कर्ज पूरी तरह सुरक्षित है। इन डेवलपरों ने अब तक 30 लाख वर्गफीट से अधिक क्षेत्र में परियोजनाएं विकसित की हैं।