रेमडेसिविर की कालाबाजारी में शामिल आरोपित कोरोना संक्रमित, कानपुर में हुई थी गिरफ्तारी,

कानपुर में रेमडेसिविर के 265 इंजेक्शन के साथ पकड़े गए तीन आरोपितों में से एक की काेरोना रिपोर्ट पॉजिटिव। गिरफ्तारी के बाद पुलिस आयुक्त असीम अरुण पुलिस उपायुक्त दक्षिण रवीना त्यागी व अन्य अधिकारियों ने भी पूछताछ की थी। देर रात मुकदमा दर्ज किया।

कानपुर, मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट यूपी एसटीएफ कानपुर इकाई और बाबूपुरवा पुलिस ने तीन शातिरों को बस अड्डे से 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा था। पकड़े गए शातिरों में एक आरोपित कोरोना संक्रमित निकला है। इसके बाद थाने के तीन सिपाही और दारोगा की जांच कराई गई है। वहीं इंजेक्शन की कालाबाजारी में सक्रिय गिरोही की खोज के लिए बाबूपुरवा पुलिस ने बंगाल पुलिस से संपर्क किया है।

ये है पूरा मामला: मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट पर यूपी एसटीएफ और बाबू पुरवा पुलिस ने किदवई नगर चौराहे के पास से बख्तावरपुर व नौबस्ता निवासी मोहन सोनी उसके साथी पशुपति नगर निवासी प्रशांत शुक्ला को दबोचा था। तलाशी में इनके पास से साड़ी के डिब्बे में 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले थे। पकड़े गए आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने हरियाणा यमुनानगर निवासी सचिन कुमार को भी दबोचा था। थाने लाकर हुई पूछताछ में शातिरों ने इंजेक्शन पश्चिम बंगाल के अपूर्वा मुखर्जी द्वारा भेजने की जानकारी दी थी।

इसलिए भेजी गई थी इंजेक्शन की खेप? : आरोपित मोहन का कहना था तीन साल पहले उसने अपूर्वा को 86 हजार रुपए उधार दिए थे। काफी समय से वह रुपए वापस करने के लिए कह रहा था, लेकिन अपूर्वा ने रकम लौटाई नहीं थी। बीते कुछ दिनों से दबाव बनाने पर उसने 265 इंजेक्शन बेचने के लिए भेजे थे। देर रात तक कई चरणों में तीनों आरोपितों से पुलिस आयुक्त असीम अरुण, पुलिस उपायुक्त दक्षिण रवीना त्यागी व अन्य अधिकारियों ने भी पूछताछ की थी। जिसके बाद देर रात पुलिस ने धोखाधड़ी, स्टॉक में हेरा फेरी, महामारी अधिनियम, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।

शुक्रवार को पॉजिटिव आई रिपोर्ट: आरोपितों को जेल भेजने से पहले चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। जिसमें प्रशांत शुक्ला के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी हुई। जानकारी होने पर थाने में हड़कंप मच गया। तत्पश्चात संपर्क में आए पुलिसकर्मियों व पकड़े गए अन्य दोनों आरोपितों की भी कोरोना की जांच कराई गई।

इनका ये है कहना: कार्यवाहक एसीपी बाबू पुरवा विकास कुमार पांडेय ने बताया आरोपितों के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई गई हैं। जिसमें कई संदिग्ध नंबर मिले हैं। जिनकी जांच की जा रही है वही बाबू पुरवा पुलिस ने कोलकाता पुलिस से संपर्क कर अपूर्वा और उसके पिता शोभित की प्रोफाइल खंगालने शुरू की है।

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