रेलवे में जरूरत वाले काम में लगाए जाएंगे ‘अनावश्यक’ पदों पर तैनात कर्मचारी

रेलवे बोर्ड ने जारी किया निर्देश तकनीक के कारण बेमानी हुए पदों को सरेंडर करने को भी कहा। कुल व्यय का 67 प्रतिशत हो रहा कर्मचारियों पर खर्च जो लंबे समय तक चलने वाला नहीं। जरूरत पड़ने पर कुछ काम को आउटसोर्स करने का भी दिया निर्देश।

 

नई दिल्ली, पीटीआइ। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को प्रौद्योगिकी आने से ‘अनावश्यक’ हुए पदों पर तैनात कर्मचारियों को जरूरत वाले स्थानों पर तैनात करने को कहा है। बोर्ड ने यह भी कहा है कि आज कुल व्यय का 67 प्रतिशत कर्मचारियों पर खर्च हो रहा है जो लंबे समय तक चलने वाला नहीं है। बोर्ड ने कहा कि अनावश्यक पाए जाने वाले पदों पर तैनात कर्मचारियों को ऐसे स्थानों पर तैनात किया जाए जहां लोगों की जरूरत है। जरूरत पड़ने पर कुछ कार्य को ‘आउटसोर्स’ भी किया जा सकता है।

सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में रेलवे बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और चेयरमैन वीके त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे पदों की पहचान और संबंधित कर्मचारियों को जरूरत के अनुसार दूसरी जगह तैनाती एक महीने के भीतर की जानी चाहिए। त्रिपाठी ने लिखा है, ‘रेलवे के लिए मानव संसाधन काफी मूल्यवान है। खासकर तब जब 67 प्रतिशत व्यय कर्मचारियों पर होता है। इतना ही नहीं इसमें बढ़ने की भी प्रवृत्ति है। ऐसा लगता है कि दीर्घकाल में संगठन के लिए यह व्यवस्था चलने वाली नहीं है।’

कार्यबल का प्रभावी उपयोग जरूरी

उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि कार्यबल का प्रभावी ढंग से और कुशलता से उपयोग हो। जहां कहीं भी आवश्यक हो, वहीं उपयोग किया जाए। वास्तव में संगठन को कुशल और मजबूत बनाने के लिए कार्यबल उपयोग को युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है।’

गैरउपयोगी जगहों से कर्मचारियों को हटाएं

उन्होंने आगे कहा है कि अगर कर्मचारी ऐसी श्रेणियों में काम कर रहे हैं, जहां कार्यबल का पूरा उपयोग नहीं हो रहा है, वैसी स्थिति में गैर-जरूरी कर्मचारियों को उस जगह लगाया जाना चाहिए, जहां उनकी आवश्यकता है और पद खाली हैं। जरूरत पड़ने पर काम के लिए बाहरी एजेंसी की भी मदद (आउटसोर्स) ली जा सकती है। उन्होंने कुछ श्रेणियों की पहचान की है, जिसमें सहायक रसोइया, टाइपिस्ट, साफ-सफाई में मदद करने वाले, बढ़ई, पेंटर, माली आदि शामिल हैं।

ईडीपी, टिकट से जुड़े कार्य क्षेत्रों में काम का बोझ कम हुआ

पत्र के अनुसार, कंप्यूटरीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से सांख्यिकी विभाग, ईडीपी (इलेक्ट्रानिक डाटा प्रसंस्करण), टिकट से जुड़े कार्य जैसे क्षेत्रों में काम का बोझ कम हुआ है। ऐसे में इन इकाइयों में तैनात कर्मचारियों का जरूरत वाले स्थानों पर तैनात किया जा सकता है। उन्होंने जोन से ऐसे पदों को समाप्त करने के लिए श्रेणी चिन्हित करने को लेकर मंडल स्तर पर लेखा, कार्मिक और एक अन्य विभाग के सदस्यों को लेकर एक समिति भी बनाने को कहा है।

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