लखनऊ के बाल गृह बालिका से भागी दिल्‍ली से आई संवासिनी, रिपोर्ट दर्ज

लखनऊ के नाका क्षेत्र में मोतीनगर स्थित बाल गृह बालिका की अधीक्षिका और स्टाफ की घोर लापरवाही से शनिवार तड़के एक 15 वर्षीय संवासिनी फिर भाग निकली। कर्मचारी की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।

 

लखनऊ । नाका क्षेत्र में मोतीनगर स्थित बाल गृह बालिका की अधीक्षिका और स्टाफ की घोर लापरवाही से शनिवार तड़के एक 15 वर्षीय संवासिनी फिर भाग निकली। कर्मचारी की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। वहीं, पुलिस, बालिका गृह और उसके आस पास घरों व मार्गों पर लगे सीसी कैमरे भी खंगाल रही है।

इंस्पेक्टर नाका मनोज मिश्रा ने बताया कि बाल गृह बालिका के कर्मचारियों की सूचना पर सुबह एक टीम भेजी गई थी। पड़ताल की जा रही है। संवासिनी किधर से भागी है। कर्मचारियों ने बताया कि सुबह करीब 6ः30 बजे संवासिनियों की गिनती हो रही थी। जिसमें एक संवासिनी कम थी। संवासिनी की खोजबीन की गई पर कुछ पता न चला। इसके बाद करीब 9ः30 बजे पुलिस को सूचना दी गई। अधीक्षिका मिथलेश कुमारी के मुताबिक बीते 13 अगस्त को सीडब्ल्यूसी के माध्यम से बहराइच से संवासिनी को यहां लया गया था तब से यहीं रह रही थी। संवासिनी मूल रूप से दिल्ली के मंगोलपुरी एच ब्लाक की रहने वाली है। इंस्पेक्टर ने बताया कि दो टीमें गठित करके संवासिनी की तलाश की जा रही है।

डेढ़ माह पहले भागी की पांच, विभाग की घोर लापरवाही: डेढ़ माह पहले चार जुलाई को तड़के स्टाफ और अधीक्षिका की घोर लापरवाही के चलते यहां से पांच संवासिनियां दीवार के सहारे लगी वासवेसिन पर चढ़कर भाग निकलीं थीं। वह बाहर निकलते समय सीसी कैमरे में भी कैद हो गई थीं। आलाधिकारियों ने बालिक गृह का निरीक्षण भी किया था। इसके बाद परिसर में लगी वासवेसिन भी तोड़ दी गई थी। नाका पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर हफ्ते भर में पांचों को सीतापुर और गोंडा समेत कई अन्य जनपदों से बरामद कर लिया था।

संवासिनियों के पास से बरामद हुए थे मोबाइल: संवासिनियों को यहां मोबाइल रखने का नियम भी नहीं है। कर्मचारियों की मदद से वह मोबाइल अपने पास रखती हैं और रिचार्ज भी कराती हैं। चार जुलाई को जो पांच संवासिनियां भागी थीं। उनके पास से मोबाइल भी बरामद हुए थे।

अधीक्षिका नहीं रहती परिसर में: जानकारी के मुताबिक अधीक्षिका मिथलेश कुमारी को नियमतः परिसर में ही रहना चाहिए। वह कानपुर से रोजाना ड्यूटी करने आती हैं। परिसर में नहीं रहती हैं। यहां सुरक्षा कर्मियों और स्टाफ के भरोसे ही संवासिनी रहती हैं।

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