लखनऊ को सेफ स‍िटी बनाने की मुह‍िम, निगरानी पर फोकस, सड़कों पर ब‍िछेगा 1000 कैमरों का जाल

मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ के प्रदेश के शहरों को सेफ स‍िटी बनाने के न‍िर्देशों के बाद राजधानी लखनऊ में एक हजार कैमरों का जाल ब‍िछाने की तैयारी है। एक हजार कैमरों के अलावा 4000 प्राइवेट कैमरों को भी सेफ सिटी कंट्रोल रूम में इंट्रीग्रेट किया जा रहा है। इससे पूरे शहर की निगरानी सेफ सिटी कंट्रोल रूम के द्वारा की जा सकेगी।

 

लखनऊ । शहर में आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं को देखते हुए निगरानी तंत्र को और मजबूत किया जाएगा। सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत सभी प्रमुख सड़कों और चौराहों पर चौबीस घंटे सीसीटीवी से निगरानी के लिए एक हजार कैमरे और लगाए जाएंगे। शनिवार को विकास भवन सभागार में केंद्रीय राज्य मंत्री शहरी विकास कार्य कौशल किशोर की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने यह जानकारी दी। नगर आयुक्त ने बताया कि सेफ सिटी प्रोजेक्ट के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है।

जिसके लिए पूरे शहर में कैमरे लगाए जा रहे है। एक हजार कैमरों के अलावा 4000 प्राइवेट कैमरों को भी सेफ सिटी कंट्रोल रूम में इंट्रीग्रेट किया जा रहा है। इससे पूरे शहर की निगरानी सेफ सिटी कंट्रोल रूम के द्वारा की जा सकेगी। विधायक ने की शिकायत, बिजली विभाग नहीं सुन रहा बैठक में मौजूद बख्शी का तालाब के विधायक योगेश शुक्ल ने कहा सौभाग्य योजना के तहत कनेक्शन देने में अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं।

किसानों के ट्यूबवेल के विद्युत बिल माफी प्रकरणों को भी लटकाया जा रहा है। विधायक ने ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती का भी मुददा उठाया। डीएम सूर्यपाल गंगवार ने विद्युत विभाग को निर्देश दिए माफ होने के बाद भी यदि किसानों को बिल भेजे जा रहे है तो ऐसे प्रकरणों की जांच की जाए।

विधायकों ने कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं के अनावश्यक रूप से मीटर उखाड़ने पर भी नाराजगी जताई। इस पर डीएम ने कहा बिना लिखित आदेश के मीटर नही उखाड़ा जाएगा। साथ ही निर्देश दिया की बांस बल्ली पर कोई कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि उनको पीएम आवास योजना के पात्रता और आवास पाए लाभार्थियों की जानकारी नही दी जाती है।

इस पर कौशल किशोर ने निर्देश दिया गया कि जनप्रतिनिधियों को योजना के लाभार्थियों की पूरी सूची तत्काल उपलब्ध कराई जाए। उक्त के साथ ही 88 गांव जो नगर निगम में शामिल हुए हैं उनमें शहरी आवासीय योजनाओं के लिए रेपिड सर्वे कराना सुनिश्चित किया जाए ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी योजना से वंचित ना रहे।

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