पुनरीक्षित बजट में किसी नए कर और कर में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं है। नगर निगम ने नीतिगत निर्णय लेने के लिए महापौर की अध्यक्षता वाली (12 पार्षद) कार्यकारिणी समिति हैं जिसके समक्ष ही पुनरीक्षित बजट को पेश होगा।
लखनऊ, महापौर और पार्षदों के कार्यकाल का अंतिम पुनरीक्षित बजट ((2022-23) सोमवार को नगर निगम की कार्यकारिणी समिति के समक्ष पूर्वाह्न 11 बजे पेश होगा। स्ट्रीट लाइट के बजट में करीब चार करोड़ की वृद्धि की गई है, जिससे नगर निगम सीमा में शामिल हुए 88 गांवों में स्ट्रीट लाइटों का इंतजाम किया जाएगा।
दरअसल, पार्षदों ने कार्यकाल के अंतिम समय सदन में यह मुद्दा उठाया था कि हर वार्डों के लिए स्ट्रीट लाइटों को दिया जाए। हालांकि, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि अगर बजट में वृद्धि होगी तो वह स्ट्रीट लाइटों को बढाने पर विचार करेंगे।
हालांकि, पुनरीक्षित बजट में किसी नए कर और कर में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं है। नगर निगम ने नीतिगत निर्णय लेने के लिए महापौर की अध्यक्षता वाली (12 पार्षद) कार्यकारिणी समिति हैं, जिसके समक्ष ही पुनरीक्षित बजट को पेश होगा। हालांकि 295 करोड़ की देनदारी के बाद भी नगर निगम ने आय बढ़ाने की कोई खास चिंता नहीं की है।
नगर निगम चालू वित्तीय वर्ष में 170 करोड़ से सड़कों की मरम्मत व नवीनीकरण के काम करेगा। नई सड़कों के निर्माण पर एक करोड़ खर्च होगा। नाला निर्माण व उसकी मरम्मत पर एक करोड़ खर्च होगा। भवनों के निर्माण पर एक करोड़, भवन मरम्मत पर एक करोड़ खर्च होगा। स्ट्रीट लाइटों के नए कार्यों पर छह करोड़ खर्च होंगे तो मरम्मत कार्य पर 70 लाख रुपये का बजट है।
बजट पर एक नजर
कल्याण मंडपों के निर्माण पर डेढ़ करोड़
श्मशान घाट व कब्रिस्तान की मरम्मत पर 30 लाख
स्ट्रीट लाइटों के अनुरक्षण पर 11 करोड़
दैवीय आपदा पर चार करोड़ अलाव पर
संविदा सफाई ठेके पर 140 करोड़
अस्थाई रैन बसेरा का निर्माण 50 लाख
नये विद्युत शवदाह गृह का निर्माण व अनुरक्षण 20 लाख
वेंडिंग जोन के अनुरक्षण व संचालन पर एक करोड़
योजनाएं
इन योजनाओं पर खर्च होगा
लक्ष्मण प्रेरणा स्थल
महिला बाजार का निर्माण सात करोड़
अनुसईया रसोई एक करोड़
आय
भवन कर से 385 करोड़ (मूल बजट में 325 करोड़ का प्रावधान रखा गया था)
कुत्तों पर कर 50 लाख (लाइसेंस)
विज्ञापन शुल्क से दस करोड़
प्रेक्षागृहों से कर डेढ़ करोड़
कल्याण मंडप किराया एक करोड़
पार्किंग ठेकों से आय 25 करोड़
लाइसेंस शुल्क पांच करोड़
यूजर चार्ज से 55 करोड़