लखनऊ पुलिस ने गुरुवार रात सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव के पीआरओ को अवैध हथियार रखने के आरोप में पकड़ लिया और पूछताछ के लिए गौतमपल्ली थाने ले गई। सूचना मिलते ही शिवपाल यादव समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और धरने पर बैठ गए और पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। मामला बढ़ता देख अधिकारियों के दखल के बाद निजी सचिव को छोड़ दिया गया।
लखनऊ, गुरुवार रात साढ़े आठ बजे बंदरिया बाग के गाड़ियों की चेकिंग के दौरान पुलिस ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री शिवपाल यादव के निजी सचिव अंकुश को रोक लिया। गाड़ी का कागज दिखाने कहा गया तो अंकुश का पुलिस से विवाद शुरू हो गया। इसके बाद पुलिस अंकुश को गौतमपल्ली को थाने ले आई और गाड़ी को भी बंद कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही शिवपाल यादव अपने समर्थकों के साथ गौतमपल्ली थाने पहुंचे और धरने पर बैठ गए। सपा समर्थकों ने सड़क पर जमकर नारेबाजी की।
पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद निजी सचिव और गाड़ी को छोड़ दिया गया शिवपाल यादव के साथ निजी सचिव के थाने से बाहर आने के बाद सपा समर्थक आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए, उन्होंने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी करते हुए सपा कार्यालय के सामने पहुंचे। शिवपाल सिंह यादव अपनी गाड़ी में धीरे- धीरे चल रहे थे। सपा कार्यालय के पास गाड़ी से बाहर आकर उन्होंने कहा कि पुलिस बेवजह फंसाने का काम कर रही है। आवास के बाहर भी सपा समर्थक नारेबाजी करते रहे।
शिवपाल यादव ने सभी को शांत कराते हुए कहा कि इस समय सभी लोग जाएं, शुक्रवार को इस विषय में बात की जाएगी। शिवपाल ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह अंकुश की गाड़ी से अवैध असलहा बरामद दिखाकर जेल भेजना चाहती थी। पुलिस की प्लान था कि पहले फंसाएंगे और फिर वसूली की जाएगी। यह पूरे प्रदेश में हो रहा है और बेकसूर को जेल भेजा जा रहा है। डीसीपी मध्य अर्पणा रजत कौशिक का कहना है कि वाहन की चेकिंग की जा रही है। अंकुश की गाड़ी को रोका गया और कागज दिखाने को कहा था तो वह पुलिस वाले से भिड़ गए तो पुलिस उन्हें थाने से ले आई। उन्होंने गाड़ी में अवैध असलहा होने की बात से इंकार किया।