ई-चालान व्यवस्था शुरू होने के बाद अक्सर चालान को लेकर दिक्कतें होती रही हैं। इसके कारण वाहन स्वामी काफी परेशान होते हैं। उन्हें एक दफ्तर से दूसरे के चक्कर लगाने पड़ते हैं। कई दुपहिया वाहन चालकों का सीट बेल्ट चालान हुआ। वहीं कार चालकों का बिना हेल्टमेट चालान दर्शाया गया।
लखनऊ, राजधानी में हाईटेक पुलिस के ई-चालान की कहानी भी अजब-गजब होती जा रही है। रविवार को पुलिस गोमतीनगर पुलिस द्वारा कानफोड़ू साइलेंसर का हवाला देकर सीज की गई डाक्टर की बुलेट का करीब डेढ़ घंटे बाद दोबारा फिर चालान हो गया। यह जानकारी जब ई-चालान पोर्टल पर उन्हें हुई तो वह सन्न रह गए। इसके बाद डाक्टर के परिचित ने दोनों चालान की कापी को इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। चालान की कापी वायरल होते ही इंस्पेक्टर ने दलील दी कि दोबारा चालान नहीं किया गया यह टेक्निकल फाल्ट है।
पहले जुगौली क्रासिंग पर रोका, थाने ले जाकर की सीज : डाक्टर विभोर के सहयोगी कनिष्क ने बताया कि वह अपने साथी के साथ बुलेट से जा रहे थे। जुगौली के पास पुलिस ने उन्हें रोका और गाड़ी में गलत तरीके से कानफोड़ू साइलेंसर लगाने की बात कही। इसके बाद एक सिपाही गाड़ी में बैठा और उसे लेकर गोमतीनगर थाने पहुंचा। सिपाही ने कहा कि मौके पर चालान बुक नहीं थी इस लिए थाने लेकर आए हैं। थाने पहुंचे तो बताया कि गाड़ी सीज कर दी गई है। पांच हजार रुपये जुर्माना काटा गया है।
कनिष्क ने बताया कि वह चले गए। सुबह जुमार्ना भरने के लिए उन्होंंने ई-चालान पोर्टल चेक किया तो उसमें पहला चालान सोमवार रात 08:34 बजे का था।जिसमें गाड़ी सीज होना दर्शाया गया और जुर्माने की शुल्क पांच हजार रुपये दर्ज थी। करीब डेढ़ घंटे फिर दूसरा चालान 3500 रुपये का दर्ज था। सीज गाड़ी थाने में खड़ी होने के बाद भी दोबारा चालान कैसे हो गया। इस पर कनिष्क हैरान हो गए। उन्होंने अपने मित्र विशाल मिश्रा को यह जानकारी दी। विशाल ने दोनों चालान की कापी यूपी पुलिस, लखनऊ पुलिस और यूपी ट्रैफिक पुलिस को टैग कर ट्विट कर दी। ट्विटर पर दोनों कापी वायरल होते ही लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर कमेंट करने शुरू कर दिए।
बाइक पर सीट बेल्ट के कटे हैं चालान : ई-चालान व्यवस्था शुरू होने के बाद अक्सर चालान को लेकर दिक्कतें होती रही हैं। इसके कारण वाहन स्वामी काफी परेशान होते हैं। उन्हें एक दफ्तर से दूसरे के चक्कर लगाने पड़ते हैं। कई दुपहिया वाहन चालकों का सीट बेल्ट चालान हुआ। वहीं, कार चालकों का बिना हेल्टमेट चालान दर्शाया गया। चालान की स्लिप उनके घर पहुंची तो उन्हें जानकारी हुई। इसके बाद वह ट्रैफिक लाइन से लेकर एडीसीपी और डीसीपी ट्रैफिक कार्यालय के चक्कर लगाते रहें। इसके बाद प्रार्थनापत्र देकर अपना गलत चालान खत्म कराया। इस तरह की समस्याएं वाहन चालकों को झेलनी पड़ रही हैं।
कानफोड़ू साइलेंसर के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था। उसमें गाड़ी सीज की गई थी। मौके पर कागज नहीं थे, प्रदूषण भी नहीं था। इस कारण कार्यवाही की गई। दोबारा चालान नहीं किया गया है। यह टेक्निकल फाल्ट है। – केके तिवारी, इंस्पेक्टर गोमतीनगर