निजी अस्पतालों की लूट पर तीन अस्पतालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के जारी हुए थे आदेश। 12 मई को आदेश जारी होने के बावजूद सोमवार तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी। रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर प्रभारी अधिकारी ने सीएमओ को दी थी चेतावनी।
लखनऊ, मैक्वेल, जेपी और देविना अस्पतालों पर मरीजों से वसूली के गंभीर आरोप के मामले में आखिरकार सोमवार को एफआइआर दर्ज की गई। प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने अस्पताालों में जाकर जांच के बाद वसूली के आरोप सही पाते हुए तीनों अस्पतालों के खिलाफ सीएमओ को रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था। इन अस्पतालों पर आरोप है कि दवाइयों और दूसरे मदों में सरकार की ओर से जो धनराशि निर्धारित की गयी है उससे कई गुना पैसे मरीजों के परिजनोंं से वसूले गए।
12 मई को आदेश जारी होने के बावजूद सोमवार तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी। इसपर प्रभारी अधिकारी ने सीएमओ को चेतावनी देते हुए मंगलवार तक एफआइआर करवाने के लिए कहा था। इसी क्रम में मंगलवार को विभूतिखंड थाने में मैक्वेल, जानकीपुरम थाने में जेपी अस्पताल और गाजीपुर थाने में देविना अस्पताल के खिलाफ पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली। प्रभारी अधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई से अवगत कराने के लिए भी कहा था। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने रविवार को ही अधिक रुपये लेने वाले अस्पतालों को सीज करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद आननफानन यह कार्यवाही की गई।
पुलिस का कहना है कि तहरीर के आधार पर एफआइआर दर्ज कर विवेचना की जा रही है। आरोपितों के बयान और साक्ष्य संकलन के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि तीनों ही अस्पतालों पर मरीजों से वसूली के गंभीर आरोप हैं। आक्सीजन के नाम पर ही अस्पतालों ने लाखों रुपये वसूले। यही नहीं, दवाइयों और दूसरे मदों में सरकार की ओर से जो धनराशि निर्धारित की गयी है उससे कई गुना पैसे लिए गए हैं।