लखनऊ में पहली बार शून्य पर सिमटी सपा,

 गलत प्रत्याशी के चयन और प्रबंधन में चूक बनी हार की बड़ी वजह। पार्टी के नए और पुराने नेताओं के बीच आपसी मतभेद सोशल मीडिया पर पिछले कई महीने से सार्वजनिक हुए। उसका असर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव पर भी पड़ा।

 

लखनऊ  : जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में नंबर एक पर रहने वाली समाजवादी पार्टी को ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा। पिछले चुनाव में सभी आठ ब्लॉक प्रमुख बनाने वाली समाजवादी पार्टी पहली बार लखनऊ जिले में अपना खाता भी नहीं खोल सकी। कमजोर नेतृत्व, गलत प्रत्याशियों के चयन और प्रबंधन में चूक के कारण पार्टी को हर ब्लाक में हार का सामना करना पड़ा। पार्टी के नए और पुराने नेताओं के बीच आपसी मतभेद सोशल मीडिया पर पिछले कई महीने से सार्वजनिक हुए। उसका असर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव पर भी पड़ा।

पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और पुराने नेताओं ने दूरी बनायी। नए नेतृत्व ने भी चुनाव प्रबंधन कमेटी को नहीं बनाया। गिने हुए जिला इकाई के पदाधिकारी ही चुनाव लड़ाते रहे। यह नाराजगी पूर्व सांसद सुशीला सरोज ने जिला कार्यालय में भी जाहिर की। जब जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदार विजय लक्ष्मी के नामांकन के समय उन्होंने पूर्व मंत्री आरके चौधरी, पूर्व विधायक इंदल रावत और अनुराग यादव सहित कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कमजोर संगठन के चलते ब्लाक प्रमुख की सभी सीटें हारने का अंदेशा जता दिया था। चिनहट में पार्टी ने शशि यादव को ब्लाक प्रमुख का उम्मीदवार बनाया। जबकि यहां से पिछली कार्यकारिणी में जिला सचिव रहे तानसेन यादव अपनी पत्नी ऊषा यादव के लिए सपा से टिकट मांग रहे थे।

चुनाव में तानसेन यादव की पत्नी निर्दलीय जीतीं। गोसाईंगंज में पार्टी ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख मान सिंह वर्मा की जगह अनुज सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया। इसके बाद पार्टी का एक वर्ग नाराज हो गया। मोहनलालगंज में पिछली बार मौजूदा सपा विधायक अम्बरीश सिंह पुष्कर की पत्नी विजय लक्ष्मी ब्लाक प्रमुख बनीं थी। इस बार नवनीत सिंह को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया। विधायक के लिए प्रतिष्ठा बनी यह सीट भी पार्टी के हाथ से फिसल गई। काकोरी में सपा के जिला सचिव ज्ञानेंद्र यादव ज्ञानु की फोटो भाजपा प्रत्याशी नीतू यादव के प्रचार करते हुए वायरल हुई।

आलाकमान को भी नहीं लगी भनक

जिला संगठन ने आलाकमान को अपनी तैयारियों की गलत जानकारी दी। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के समय 16 पंचायत सदस्यों के समर्थन का दावा किया गया। जबकि मतदान में कुल 11 ही वोट पार्टी को मिले। इसी तरह ब्लाक प्रमुख चुनाव को लेकर भी प्रदेश कार्यालय को छह सीट जीतने का दावा किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *