दिसंबर माह से कोरोना के केस बढ़ने के कारण विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा केंद्रों के लिए जारी होने वाले अपाइंटमेंट को 50 प्रतिशत तक घटा दिया था। एक महीने की वेटिंग घटकर 10 से 12 दिनों की रह गई।
लखनऊ । पिछले करीब एक महीने से रेलवे के तत्काल कोटे की तरह पासपोर्ट बनाने के अपाइंटमेंट न मिलने से परेशान लोगों को अब राहत मिल सकती है। पासपोर्ट विभाग ने अपने अपाइंटमेंट की क्षमता को पूर्व की तरह बढ़ा दिया है। पिछले करीब एक महीने से कोरोना के कारण 50 प्रतिशत अपाइंटमेंट कम कर दिए गए थे। इसका असर यह हुआ था कि 18 मार्च तक आवेदकों को नए पासपोर्ट और रिन्यूवल के आवेदन के लिए अपाइंटमेंट नहीं मिल पा रहे थे।
दरअसल दिसंबर माह से कोरोना के केस बढ़ने के कारण विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा केंद्रों के लिए जारी होने वाले अपाइंटमेंट को 50 प्रतिशत तक घटा दिया था। शारीरिक दूरी का पालन करने और कोरोना नियमों के तहत सुरक्षित काम करने के लिए अपाइंटमेंट घट गए तो वेटिंग लिस्ट बढ़ने लगी। बीती 10 फरवरी को ही जब पासपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर अपाइंटमेंट के टोकन खुले तो उनकी वेटिंग 18 मार्च तक हो गई। ऐसे में नए पासपोर्ट बनाने और उनके रिन्यूवल व वैरीफिकेशन सहित अन्य कार्य के लिए भी आवेदकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
विदेश मंत्रालय ने अब अपने सभी पासपोर्ट सेवा केंद्रों पर पूरी क्षमता से अपाइंटमेंट जारी करने के आदेश दिए हैं। इसका असर यह हुआ कि नौ मार्च को ही लखनऊ पासपोर्ट सेवा केंद्र में सामान्य पासपोर्ट आवेदन के लिए 900 अपाइंटमेंट अब भी बचे हुए हैं। जबकि तत्काल के 40 और पासपोर्ट क्लीयरेंस के लिए 80 अपाइंटमेंट उपलब्ध हो गए हैं। ऐसे में अब आवेदकों को अपाइंटमेंट के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है। उनको लखनऊ में ही अपने नए पासपोर्ट आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अपाइंटमेंट बढ़ने से राहत मिली है।