लखनऊ में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कल से जनता दरबार, सुबह नौ बजे से होगी जनसुनवाई

जिला तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को जनता की समस्या को सुनने के लिए समय दिया गया है। अगर वहां पर पुलिस तथा प्रशासन के अफसर उनकी समस्या नहीं सुन रहे हैं तो फिर वह लोग सीएम के सरकारी आवास पर जनसुनवाई में पहुंच सकते हैं।

 

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश के हर जिले तथा हर नागरिक तक सरकार की सुविधा पहुंचाने के प्रयास में लगे सीएम योगी आदित्यनाथ जनता दरबार में भी लोगों की समस्या का निराकरण करते हैं। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में भी जनता दरबार में लोगों से मिलकर उनकी समस्या को सुनेंगे।

मुख्यमंत्री के सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर सोमवार, चार अप्रैल से जनसुनवाई का कार्यक्रम जनता दरबार प्रारंभ होगा। मुख्यमंत्री आवास पर लगने वाले जनता दरबार में वैसे तो योगी आदित्यनाथ प्रतिदिन नौ बजे से लोगों से मिलकर उनकी बातों को सुनते हैं, लेकिन अगर वो मौजूद नहीं हैं तो किसी मंत्री को इस काम में लगाया जाता है।

मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर चार अप्रैल को होने वाले पहले जनसुनवाई कार्यक्रम में लोगों की समस्या सुनने के लिए राज्यमंत्री अजीत पाल मौजूद रहेंगे। सुबह नौ बजे से सीएम आवास पर होने वाली जनसुनवाई में राज्यमंत्री को हर सोमवार को जनता की समस्या को सुनकर उनका निदान करना होगा। इसी तरह से हर मंगलवार को राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख को जिम्मेदारी निभानी होगी।

प्रदेश के सभी जिलों में जिला तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को जनता की हर प्रकार की समस्या को सुनने के लिए समय दिया गया है। अगर वहां पर पुलिस तथा प्रशासन के अफसर उनकी समस्या नहीं सुन रहे हैं तो फिर वह लोग सोमवार से लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर शुरू हो रही जनसुनवाई में पहुंच सकते हैं।

चार अप्रैल को जनता दरबार में पहले दिन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अजीत पाल जनसुनवाई करेंगे। इसके बाद मंगलवार को कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख सीएम के सरकारी आवास पर जनता की समस्या सुनने के लिए मौजूद रहेंगे।

योगी आदित्यनाथ सरकार इसके साथ ही जिलों में कामकाज को रफ्तार देने के लिए नोडल मंत्री तथा अफसरों को भी जिम्मेदारी देगी। प्रदेश में बनी नई सरकार में दो उप मुख्यमंत्रियों सहित 52 मंत्रियों ने काम संभाल लिया है। 75 जिलों वाले प्रदेश में जनता की समस्या काफी बढ़ी हैं। अब योगी आदित्यनाथ सरकार वरिष्ठ अफसरों को जिलों का नोडल अफसर बनाने जा रही है। इसके साथ ही मंत्रियों को भी जिलों की जिम्मेदारी मिलेगी। कई मंत्रियों को दो-दो जिलों का नोडल मंत्री बनाया जा सकता है।

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