लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) द्वारा जो नियोजित कालोनी में शमशान स्थल बनाए गए थे अब वह स्थानीय आवंटियों को अखरने लगे हैं लविप्रा का घेराव प्रदर्शन व ज्ञापन देने के बाद भी आज तक कोई ठोस हल नहीं निकला।
लखनऊ । लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) द्वारा जो नियोजित कालोनी में शमशान स्थल बनाए गए थे, अब वह स्थानीय आवंटियों को अखरने लगे हैं, लविप्रा का घेराव, प्रदर्शन व ज्ञापन देने के बाद भी आज तक कोई ठोस हल नहीं निकला। अब लविप्रा अफसरों व मंडलायुक्त के यहां हुई बैठक में तय किया गया है कि आगामी छह माह में इसका ठोस हल निकाला जाए। उद्देश्य होगा कि शमशान स्थल का नया ठिकाना बनाया जाए और हजारों आवंटियों को शमशान स्थल होने के कारण अपने भूखंड व मकान बेचने को विवश है, उन्हें रोककर लविप्रा की छवि सुधारी जाए।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के जनसंपर्क अधिकारी डा. राघवेंद्र शुक्ला ने बताया कि गोमती नगर के विनम्र खंड स्थित शमशान स्थल होने से आवंटियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस संबंध में सैकड़ों आवंटी पत्राचार कर चुके हैं, यहां कोरोना काल में लाशें जलने के कारण लाेगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी तरह जानकीपुरम में भूखंडों के बीचों बीच शमशान स्थल होने के कारण आवंटी अपने भूखंड व मकान बेचने को विवश हुए। लविप्रा में इसकी शिकायत व मीडिया में मामला आया। इसे भी स्थानांतरित करने की जरूरत है। वहीं पारा और आजाद नगर में भी ऐसे ही शमशान स्थल होने से हजारों परिवारों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
कालोनी से थोड़ी दूर हो शमशानः आवंटियों का तर्क है कि शमशान स्थल कालोनी में बिल्कुल न बनाया जाए। शमशान स्थलों पर विद्युत शव दाह संस्कार की व्यवस्था हो। इसके साथ ही आबादी से दूर हो। अगर शव जलाए जाए तो भी दूर रहने वाले लाेगों को पर्यावरण संबंधी परेशानियों का सामना न करना पड़े।