लखनऊ में सीडीआरआइ में तकनीकी अधिकारी के पद पर कार्यरत वर्षा सिंंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह पति विशेश्वर सिंह और दो साल के बेटे के साथ कैंपस स्थित टाइप-सी फ्लैट के 29 नंबर फ्लैट में रहती थीं। उनके पति एलआइसी में कार्यरत हैं।
लखनऊ, जानकीपुरम स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) के आवासीय परिसर में सोमवार रात संदिग्ध हालात में 30 वर्षीय तकनीकी अधिकारी वर्षा सिंह का शव कार के अंदर पड़ा मिला। पुलिस को सूचना देने के बाद उनके पति मोबाइल लेकर फरार हैं। पुलिस घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करने के साथ ही उनके पति की तलाश में दबिश दे रही है।
वर्षा सिंह सीडीआरआइ के टाक्सिकोलाजी और न्यूरोसाइंस विभाग में तकनीकी अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं। वह पति विशेश्वर सिंह और दो साल के बेटे के साथ कैंपस स्थित टाइप-सी फ्लैट के 29 नंबर फ्लैट में रहती थीं। पति एलआइसी में कार्यरत हैं। सोमवार देर शाम विशेश्वर ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी कि उनकी पत्नी ने फांसी लगा ली और मौत हो गई है। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर जानकीपुरम कुलदीप सिंह गौर और पुलिसकर्मी पहुंचे तो परिसर में खड़ी कार में वर्षा सिंह का शव पीछे की सीट पर पड़ा मिला। पुलिस ने विशेश्वर को फोन किया तो वह स्विच आफ मिला। इसके बाद घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों और फोरेंसिक टीम को दी गई।
फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बीच एसीपी अलीगंज अली अब्बास पहुंचे। उन्होंने कालोनी के लोगों से बात की फिर मामले की जानकारी वर्षा के मायके पक्ष को दी। एसीपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। विशेश्वर एलआइसी में नौकरी करते थे, लेकिन आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि कई माह से विशेश्वर कहीं जा नहीं रहे थे। वह दिनभर घर में ही रहते थे। एसीपी ने बताया कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
मुहल्लेवालों से विशेश्वर ने कहा, वर्षा ने लगा ली है फांसी
एसीपी ने बताया कि विशेश्वर ने घटना के बाद आस-पड़ोस के लोगों से कहा कि उनकी पत्नी वर्षा ने फांसी लगा ली है। इसके बाद वह वर्षा को कार में लेकर चला गया। कुछ देर बाद लौटा और कार कैंपस में ही खड़ी करके फरार हो गया। विशेश्वर, वर्षा का मोबाइल भी अपने साथ लेकर गए हैं। वर्षा के गले में एक निशान भी है।
घर में रोता मिला दो साल का बच्चा पुलिस ने पड़ोसियों को दिया
घटना के बाद वर्षा का दो साल का बच्चा घर के अंदर ही कमरे में पुलिस को रोता मिला। पुलिस ने बच्चे को गोद में उठा लिया। इसके बाद उसे पड़ोसियों ने ले लिया। अब बच्चा पड़ोसियों के पास है। पड़ोसी उसका ध्यान रख रहे हैं। पुलिस ने बताया कि बच्चा पड़ोसियों से परिचित है, इसलिए उनके पास है। वर्षा के घर वालों के आने पर बच्चा उन्हीं के सिपुर्द कर दिया जाएगा।
न्यूरोसाइंस विभाग को स्थापित करने में था अहम योगदान
सीडीआरआइ में कार्यरत वर्षा ङ्क्षसह टाक्सिकोलाजी विभाग की तकनीकी अधिकारी थीं। इसके साथ ही संस्थान में नवसृजित न्यूरोसाइंस विभाग को स्थापित करने में भी वर्षा का अहम योगदान था। संस्थान के विज्ञानियों के अनुसार उनकी बेहतर कार्यशैली को देखते हुए टाक्सिकोलाजी के साथ न्यूरोसाइंस विभाग के लिए भी उन्हीं को तकनीकी अधिकारी चयनित किया गया था। सोमवार को प्रयोगशाला में काम करने के बाद देर शाम को आई उनकी मृत्यु की खबर से संस्थान में शोक की लहर है।