विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति 22 जून को लखनऊ में महापंचायत करेगी इसमें बिजली के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन का ऐलान होगा पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का विरोध किया जाएगा निजीकरण से प्रभावित सभी वर्गों को साथ लाकर आंदोलन करने की योजना है। ओडिशा और अन्य शहरों में निजीकरण के बाद की कठिनाइयों से सरकार को अवगत कराया जाएगा।
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली उपभोक्ताओं, किसानों और बिजली कर्मियों की महापंचायत लखनऊ में करने का निर्णय लिया है। 22 जून को होने वाली इस महापंचायत में बिजली के निजीकरण के खिलाफ बड़े आंदोलन का ऐलान किया जाएगा संघर्ष समिति ने पूर्वांचल तथा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में पिछले छह माह से चल रहे संघर्षों में किसानों और आम उपभोक्ताओं को साथ जोड़कर आंदोलन आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। 22 जून को होने वाली महापंचायत में निजीकरण का निर्णय रद्द कराने के लिए आंदोलन की साझा रणनीति का ऐलान किया जाएगा

महापंचायत का उद्देश्य निजीकरण से प्रभावित होने वाले सभी वर्ग को एक साथ जोड़कर आंदोलन करने की है। महापंचायत में निजीकरण के लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा दिए जा रहे आंकड़ों की सच्चाई पर श्वेत पत्र जारी किया जाएगा निजीकरण के बाद ओडिशा,चंडीगढ़, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, आगरा में उपभोक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों और बिजली कर्मियों की दुर्दशा से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को और प्रदेश सरकार को अवगत कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाएगा 22 जून के बाद ऐसी ही महापंचायतें वाराणसी, आगरा, मेरठ और प्रदेश में अन्य प्रमुख शहरों में की जाएंगी।