एलडीए कालोनी में आपका मकान अगर 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर है तो लविप्रा द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के तहत वाणिज्यिक गतिविधियां कर सकेंगे। यह एक बड़ा फैसला लखनऊ विकास प्राधिकरण आगामी बोर्ड मीटिंग में लाने जा रहा है।
लखनऊ । आपका मकान अगर 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर है तो लविप्रा द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के तहत वाणिज्यिक गतिविधियां कर सकेंगे। यह एक बड़ा फैसला लखनऊ विकास प्राधिकरण आगामी बोर्ड मीटिंग में लाने जा रहा है। अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो हजारों अवैध निर्माण वैध हो जाएंगे और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। बोर्ड में प्रस्ताव पास होने के बाद इसे शासन स्तर से भी मंजूरी ली जा जाएगी। उधर आवासीय कालोनी में वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ने से उन लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है, जिन्होंने नियोजित कालोनी में नियोजित तरीके से जीवन यापन करने के उद्देश्य से प्राधिकरण की योजना में आवंटन कराया था।
लविप्रा की नियोजित कालोनियों में यह प्रयोग करने की तैयारी है। 15 और 17 सितंबर को गठित कमेटी इस पर चर्चा भी कर चुकी है। कमेटी में नगर निगम, लविप्रा, पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग, पुलिस जैसे विभाग शामिल हैं। दो बैठकों में वाणिज्यिक गतिविधियों को अनुमन्य करने का प्रस्ताव करीब करीब तैयार कर लिया गया है। अभी अंतिम फैसला बोर्ड मीटिंग में होना है। जो प्रारूप तैयार किया गया है, उसके तहत चौड़ी सड़क पर स्थित आवासीय मकान के कुछ हिस्से को ही वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए अनुमन्य किया जाएगा। यही नहीं इसके लिए एक निर्धारित फीस आवेदनकर्ता को जमा करनी होगी, जिस पर अभी चर्चा चल रही है। वर्तमान में प्राधिकरण की नियोजित कालोनियों में व्यावसायिक गतिविधियों का जाल आवासीय परिसर में पूरी तरह से फैल चुका है।
दशहरे से पहले होने वाली बोर्ड मीटिंग में नादान महल रोड स्थित पार्किंग को नगर निगम को हैंडओवर करने और उत्तर प्रदेश विकास अधिनियम मुख्य मार्ग मरम्मत अनुरक्षण मॉडल (उपविधि 2021) संबंधी प्रस्ताव भी लाया जा रहा है। अफसरों के मुताबिक दस प्रस्ताव बोर्ड मीटिंग में रखे जाएंगे। वर्तमान में उन्हें संकलित करने का काम चल रहा है।
लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि लविप्रा अपनी नियोजित कालोनियों की चौड़ी सड़कों पर स्थित आवासीय मकानों के कुछ हिस्से में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अनुमन्य करने का प्रस्ताव बना रहा है। इसके लिए कमेटी गठित हैं, जिसमें कई सरकारी संस्थाएं हैं। दो चरण की बैठक हो चुकी है। बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पास होने के बाद ही कुछ कहना संभव होगा।