लखनऊ विकास प्राधिकरण कोरोना संक्रमण में लोगों को ब्याज में दे सकता है राहत, प्रस्ताव को मंजूरी का इंतजार,

एलडीए घरों की किस्तों में रियायात देने का प्रस्ताव आठ जून को होने वाली बोर्ड बैठक में लगाया जा रहा है। प्रस्ताव में ब्याज को लेकर कुछ माह के लिए रियायत दी जा सकती है। बशर्ते लविप्रा की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव मंजूर हो जाए।

 

लखनऊ, लखनऊ विकास प्राधिकरण कोविड 19 को देखते हुए किस्ते जमा करने वाले आवंटियों का ध्यान रखेगा। इसके लिए एक प्रस्ताव आठ जून को होने वाली बोर्ड बैठक में लगाया जा रहा है। प्रस्ताव में ब्याज को लेकर कुछ माह के लिए रियायत दी जा सकती है। बशर्ते लविप्रा की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव मंजूर हो जाए। इससे आवंटियों का जहां लविप्रा पर विश्वास बढ़ेगा वहीं किस्ते देने में आसानी होगी। वर्तमान में कई हजार आवंटी हर माह लविप्रा में किस्ते जमा कर रहे हैं। कोरोना काल में यह ग्राफ तीस से चालीस फीसद प्रभावित हुआ है।

डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के प्रयास से सैकड़ों फ्लैट चंद माह में तो बिक गए, यह फ्लैट सालों से खाली पड़े थे। वर्ष 2015 में कुछ बने थे और कुछ बाद में। इन्हें बेचने को लेकर लविप्रा का कोई अभियंता व अधिकारी रुचि नहीं दिखा रहे थे।उपाध्यक्ष ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अभियंताओं की काउंसिलिंग की और अवर अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता को फ्लैट बेचने का लक्ष्य निधाZरित कर दिया। देखते ही देखते दिसंबर 2020 से लेकर मार्च 2021 तक चार सौ से अधिक फ्लैट अलग अलग योजना में बिक गए। इसी तरह ढाई सौ प्लांट बसंत कुंज योजना के बेचे गए। वहीं इससे पहले की योजनाओं की किश्ते अभी जारी है। इससे लविप्रा को हर माह कई करोड़ राजस्व किस्तों के रूप में आता है। वर्तमान में यह काेविड के कारण मार्च से मई के बीच प्रभावित रहा।कई आवंटियों ने फोन व पत्राचार करके किस्तों को जमा करने में समय मांगा और आवंटन निरस्त न करने की उपाध्यक्ष व सचिव से गुजारिश की है।

सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार ने बताया कि ऐसे लोगों ने संपर्क किया है, जिनको कोरोना में आथिZक परेशानियां हुई हैं और किस्ते जमा नहीं कर पा रहे है। सूत्रों के मुताबिक प्रस्ताव के जरिए किस्ते विलंब होने से कोई अतिरिक्त शुल्क और कोरोना समय के दौरान तीन से चार माह की छूट दी जा सकती है।

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