किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे के काफिले में शामिल वाहनों से कुचलने के कारण किसानों की मृत्यु हुई जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान किसान उन पर हमलावर हो गए थे और वाहन अनियंत्रित होने से हादसा हो गया।
नई दिल्ली, एजेंसी। उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी है। शीर्ष अदालत ने पूछा है कि कितने लोगों पर एफआइआर हुई और किसे-किसे गिरफ्तार किया गया है। सीजेआइ एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि वह कल स्टेटस रिपोर्ट में बताएगी कि किन-किन अभियुक्तों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है और वे लोग गिरफ्तार किए गए हैं या नहीं। इसके साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार को यह भी आदेश दिया था कि हिंसा में अपना बेटा गंवाने वाली बीमार मां के तत्काल इलाज के लिए तुरंत इंतजाम किए जाएं।
बता दें कि 4 अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मृत्यु हो गई थी। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे के काफिले में शामिल वाहनों से कुचलने के कारण किसानों की मृत्यु हुई जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान किसान उन पर हमलावर हो गए थे और इस अफरातफरी में वाहन अनियंत्रित हो गए और हादसा हो गया।
लखीमपुर खीरी कांड में दर्ज हुई हत्या की रिपोर्ट के मुख्य आरोपित केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र मोनू के घर गुरुवार देर शाम पुलिस ने नोटिस चस्पा की है। जिसमें उनको शुक्रवार को पुलिस की अपराध शाखा के समक्ष तलब किया गया है। देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस मोनू को इसी बातचीत के दौरान गिरफ्तार कर लेगी या फिर पूछताछ के बाद उनको रिहा कर देगी। देशभर की मीडिया की नजरें इस पूछताछ पर टिकी हैं।