लखीमपुर में बफरजोन के पास एक गन्ने के खेत में तेंदुए का शव मिला। इसकी सूचना से वन विभाग में हड़कंप मच गया। वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। वन विभाग इसकी जांच में जुट गया है।
लखीमपुर ; दुधवा पार्क से सटे बफरजोन के निकट एक गन्ने के खेत में तेंदुए का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर वन विभाग दल बल के साथ मौके पर पहुंच गया। वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी।
वन विभाग के मुताबिक शव तेंदुए का है। प्रथम दृष्टया आपसी संघर्ष के चलते तेंदुआ की मौत प्रतीत हो रही है। वन विभाग हर पहलू पर जांच करने में जुट गया है। आखिर तेंदुए की मौत कैसे हुई है। फिलहाल वेटलैंड के निकट तेंदुए का शव मिलने से वन कर्मियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। दो से तीन दिन पूर्व का शव वन विभाग कर्मचारियों की नजर में क्यों नहीं पड़ा? जबकि पशु पक्षियों के लिए वेटलैंड जगह सबसे सुरक्षित मानी जाती है।
संपूर्णानगर वन रेंज के अंतर्गत बफर जोन हजारा के मोरैनिया गांधीनगर जंगल के किनारे वेटलैंड के निकट से सुबह गन्ने की छिलाई करने मजदूर जा रहे थे। इस दौरान मजदूरों की नजर मरे हुए जानवर पर पड़ी तो उनको बाघ का शव लगा। मजदूर घबरा गए। मजदूरों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। इस पर एक वाचर ने मौके पर पहुंच कर शव को देखा और इसकी सूचना वन क्षेत्राधिकारी को दी।
सूचना पर संपूर्णानगर वन क्षेत्राधिकारी सरोज बाबू मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि शव तेंदुए का है। इसकी हालत देखकर लग रहा कि शव दो से तीन दिन पुराना है। तेंदुए के दांत, बाल व नाखून सुरक्षित हैं। इसको देखकर लगता है। इसका शिकार नहीं बल्कि जानवरों के आपसी संघर्ष के चलते मौत हुई है। वहां पर आसपास गन्ना काफी दूर तक टूटा है। इससे भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस जगह जानवरों का आपसी संघर्ष हुआ है। उसी में तेंदुए की जान गई है। फिलहाल हर तरफ से जांच की जा रही है। वन विभाग को ऐसा कोई सुराग नहीं मिला। जिससे यह स्पष्ट हो सके कि तेंदुए का शिकार हुआ है।