लखीमपुर में लावार‍िश म‍िला 1559 क्विंटल गेहूं, दो ट्रकों में भरे अनाज को एसडीएम ने किया सीज,

एसडीएम ने यह गेहूं सीज करने के साथ ही गेहूं मंडी समिति के सुपुर्द कर दिया। जिन बोरियों में गेहूं को भरा गया था उस पर उत्तर प्रदेश सरकार भारतीय खाद्य विभाग लिखा हुआ था। जांच के दौरान यहीं पर दो ट्रक भी मिले।

 

लखीमपुर,  शहर की राजापुर मंडी में गेहूं खरीद में एक बार फिर केंद्र प्रभारी और दलालों के बीच गठजोड़ उजागर हुआ है। समिति में यूपीएसएस के क्रय केन्द्र के पास टीनशेड के नीचे सरकारी बोरियों में भरा लगा 3119 बोरी (1559 क्विंटल) गेहूं लावारिश पाया गया। तमाम कोशिशों के बाद भी अधिकारियों को यह पता नहीं चल पाया कि यह गेहूं किसका है। संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) के निरीक्षण के दौरान कोई दावेदार सामने नहीं आया कि यह गेहूं किसका है। काफी देर तक जब गेहूं का स्वामित्व पता नहीं चला तो आरएफसी ने एसडीएम सदर को बुलाया।

एसडीएम ने यह गेहूं सीज करने के साथ ही गेहूं मंडी समिति के सुपुर्द कर दिया। जिन बोरियों में गेहूं को भरा गया था उस पर उत्तर प्रदेश सरकार भारतीय खाद्य विभाग लिखा हुआ था। जांच के दौरान यहीं पर दो ट्रक भी मिले, सरकारी बोरियों में गेहूं भरा जा रहा था। पूछताछ में ट्रक चालक या नहीं बता रहे थे कि गेहूं किसका है और कहां भेजा जाना है। अधिकारियों को ट्रक में भरे गए गेहूं का चालान भी नहीं मिला। जिस पर एसडीएम ने दोनों ट्रकों को सीज कर पुलिस के सुपुर्द किया है।

संभागीय खाद्य नियंत्रक संतोष कुमार ने गुरुवार की दोपहर यूपीएसएस के क्रय केन्द्र के पास टीनशेड के नीचे सरकारी बोरियों में लगे गेहूं के बारे में पूछताछ शुरू की। उन्होंने पूछा कि यह गेहूं खरीदने के बाद डिलीवर क्यों नहीं किया गया। यह गेहूं किस क्रय केन्द्र है। किसने खरीदा है, किसका है तो वहां कोई बताने वाला नहीं था। जिसके बाद उन्होंने एसडीएम सदर को बुलाया। एसडीएम ने पहुंचकर छानबीन की घंटों तक मंडी में बैठे रहे पर कोई दावेदार सामने नहीं आया। एसडीएम डा. अरुण कुमार सिंह ने गेहूं को सीज कर दिया है।

आशंका जताई जा रही है कि यह गेहूं बिचौलियों से खरीदा गया। बाद में इसको या तो क्रय केन्द्रों में दर्ज किया जाता या फिर कालाबाजारी के उद्देश्य से लगाया गया। एसडीएम ने बताया कि गेहूं बरामद कर सीजकर दिया गया है। साथ ही एफआइआर भी दर्ज कराई जा रही है। जांच कराई जा रही है कि यह गेहूं किसका है। बताते हैं कि पास के क्रय केन्द्र का ही गेहूं है। जो सरकारी अभिलेखों में दर्ज कर दिया जाता, लेकिन जब तक दर्ज होता। उससे पहले ही छापामारी हो गई। जिससे कोई दावेदार सामने नहीं आया। आरएफसी ने खरीद को लेकर जिला प्रबंधकों के साथ बैठक भी की।

तो मंडी के क्रय केन्द्र का है 89 कुन्तल गेहूं

गेहूं सीज करने की कार्रवाई होने के बाद मंडी समिति के कर्मचारियों में अफरा तफरी मच गई और वह मौके पर पहुंच। बताया कि उनका 89 क्विंटल गेहूं है। इसके कागज उनके पास हैं। आरएफसी व एसडीएम सदर ने बताया कि जांच के बाद अगर अभिलेख सही मिले तो मंडी समिति का गेहूं रिलीज कर दिया जाएगा।

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