सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामनगरी में लता मंगेशकर चौक का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संदेश दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन में कहा रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या विश्व की सुंदरतम नगरी के रूप में विकसित की जा रही है।
अयोध्या, लता के भजनों ने हमारे मन को राममय बनाया है। आज लता दीदी का नाम अयोध्या के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया है। लता दीदी भगवान राम की आराधना करती थीं, उनकी सबसे बड़ी आराधिका की यादों से अयोध्या को सजाया गया है। यह उद्गार हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के। वह रामपैड़ी और सरयू के करीब नवनिर्मित लता मंगेशकर चौक के लोकार्पण अवसर पर वीडियो संदेश दे रहे थे। उनका संदेश कार्यक्रम स्थल रामकथापार्क में प्रसारित किया गया।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा, यह चौक राम की पैड़ी और सरयू के समीप है,उनको श्रद्धांजलि देने के लिए इससे बेहतर स्थान नहीं हो सकता। लता दीदी हमेशा नागरिक कर्तव्यों को लेकर सजग रहीं। उसी तरह यह चौक लोगों को कर्तव्य पथ पर चलने की प्रेरणा देगा। वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि लता दीदी के साथ जुड़ी मेरी कितनी ही यादें हैं, कितनी ही भावुक और स्नेहिल स्मृतियां हैं। मुझे याद है, जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन संपन्न हुआ था, तो मेरे पास लता दीदी का फोन आया था, वह बहुत खुश थीं, आनंद में थीं, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिरकार राम मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन में कहा, रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या विश्व की सुंदरतम नगरी के रूप में विकसित की जा रही है। लता मंगेशकर चौक का लाोकार्पण इसकी शुरुआत है और निकट भविष्य में रामानंदाचार्य तथा रामानुजाचार्य जैसे शीर्ष संतों एवं दार्शनिकाों सहित मंदिर आंदोललन से जुड़े नायकों के नाम से भी चौराहों का विकास किया जाएगा। इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, सांसद लल्लू सिंह आदि ने भी विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगाोपालदास ने की। समारोह का संचालन प्रख्यात साहित्यकार यतींद्र मिश्र ने किया।
ग्लोबल इन्साइक्लोपीडिया आफ रामायण का विमोचनः मुख्यमंत्री ने रामकथा पार्क के ही मंच से अयोध्या शोध संस्थान की ओर से प्रकाशित पत्रिका साक्षी के श्रीराम विशेषांक एवं ग्लोबल इन्साइक्लोपीडिया आफ रामायण का विमोचन भी किया। ग्लोबल इन्साइक्लोपीडिया आफ रामायण 10 भाग में है।