लद्दाख दौरे पर राजनाथ सिंह, बीआरओ की 63 बुनियादी परियोजनाओं का किया उद्घाटन,

लद्दाख की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचें राजनाथ सिंह की यात्रा का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है। आज वह बीआरओ की 63 बुनियादी परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

 

नई दिल्ली । अपने लद्दाख दौरे के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को लद्दाख से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 63 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। राजनाथ सिंह इस समय लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे पर लेह में हैं। इस यात्रा का का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है।

परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, ‘जिन सड़कों का निर्माण BRO कर रहे हैं वह देश की विकास की गति को बढ़ाने वाले हैं। आज 63 पुल और सड़कों का लोकापर्ण हुआ। ये BRO कर्मियों की सूझबूझ से हुआ है।’ इसके बाद इसके बाद वह लेह में दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे के बीच स्थानीय प्रशासन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। बाद में रक्षा मंत्री शाम 7 बजे लेह में सेना के जवानों के साथ बातचीत करेंगे।

रक्षा मंत्री ने कहा कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है। यहां निवेश लाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए केंद्र द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहाै कि पीएम मोदी चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो। पीएम पहले ही जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों से बात कर चुके हैं। वह जल्द ही लद्दाख के लोगों से भी बात करेंगे।

रविवार को लेह में रक्षा मंत्री ने लेह, कारगिल और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के निर्वाचित वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बातचीत की। रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी थे और इस दौरान सिंह ने सशस्त्र बलों के पूर्व जवानों से भी मुलाकात की और उनके कल्याण तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर से भी बातचीत की।

रक्षा मंत्री जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए अधिक ऊंचाई वाले अड्डों पर और अनेक अहम स्थानों पर जाएंगे और वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा कर रहे सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएंगे। उनका इस संवेदनशील इलाके में दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब लंबे समय से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए दो दिन पहले ही भारत और चीन के बीच नए दौर की बातचीत हुई है।

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