अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को अपने छोटे मार्स हेलीकॉप्टर को दूसरी बार मंगल ग्रह पर उड़ाया। इस उड़ान की खास बात यह है कि ये हेलीकॉप्टर पहली उड़ान की तुलना में अधिक ऊंचाई तक उड़ा।
वांशिगटन, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को अपने छोटे मार्स हेलीकॉप्टर को दूसरी बार मंगल ग्रह पर उड़ाया। इस उड़ान की खास बात यह है कि ये हेलीकॉप्टर पहली उड़ान की तुलना में अधिक ऊंचाई तक उड़ा और ज्यादा समय तक इसने उड़ान भरी। बता दें कि अमेरिकी अंतिरिक्ष एजेंसी नासा ने सोमवार को मंगल ग्रह पर सफलता की एक नई छलांग लगाई थी। नासा के रोबोट हेलीकॉप्टर ने इस लाल ग्रह पर सोमवार तड़के पहली उड़ान भरकर इतिहास रचा था। धरती से परे किसी दूसरे ग्रह पर इस तरह की यह पहली उड़ान थी। छोटे आकार का यह हेलीकॉप्टर उड़ान के दौरान दस फीट की ऊंचाई पाने में सफल रहा था। गौरतलब है कि आने वाले एक से दो सप्ताह में नासा ने तीन और टेस्ट फ्लाइट करने की योजना बनाई है। नासा ने यह तय किया है कि हर बार पहले वाले की तुलना में अधिक ऊंचाई तक उड़ान भरी जाएगी।
हेलीकॉप्टर लाल ग्रह पर 52 सेकेंड तक हवा में रह
1.8 किलोग्राम वजन वाले इनजेनयुटी नामक यह हेलीकॉप्टर लाल ग्रह पर 52 सेकेंड तक हवा में रहा। यह पहली उड़ान की तुलना में 13 सेकेंड अधिक है। गुरुवार को इस इस उड़ान से पहले फ्लाइट कंट्रोलर को करीब चार घंटों तक इंतजार करना पड़ा। कैलिफोर्निया में स्थित नासा की जेल प्रोपल्शन लेबोरेटरी के मुताबिक, इनजेनयुटी हेलिकॉप्टर ने इस बार लंबे समय तक उड़ान भरी। हेलिकॉप्टर 16 फीट ऊंचाई तक ऊपर उठा और साइड में सात फीट तक भी उड़कर गया। नासा की टीम इनजेनयुटी के इस प्रदर्शन से उत्साहित है। इसके पूर्व सोमवार को इसने 10 फीट ऊंची उड़ान भरी और मंगल की सतह पर दिख रही अपनी छाया की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर को धरती पर भेजा था। बता दें कि जिस स्थान से इनजेनयुटी हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी है, उसे अब राइट ब्रदर्स फील्ड के तौर पर जाना जाता है।
इनजेनयुटी की खूबियां
- लगभग 1.8 किलोग्राम का यह रोबोट रोटरक्राफ्ट अपने चार कार्बन फाइबर ब्लेड के सहारे उड़ान भरने में सक्षम है। इसके ब्लेड 2400 राउंड प्रति मिनट की दर से घूम सकते हैं। यह स्पीड धरती पर मौजूद हेलीकॉप्टरों के ब्लेड की गति से लगभग आठ गुना ज्यादा है।
- साढ़े आठ करोड़ डॉलर (करीब 640 करोड़ रुपये) की लागत वाला यह हेलीकॉप्टर लाल ग्रह पर नमूने एकत्र करने में मददगार बताया जा रहा है। यह उन जगहों से भी नमूने एकत्र कर सकता है, जहां रोवर नहीं पहुंच सकता है। हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के करीब पौने तीन घंटे बाद आंकड़े मिलना शुरू हो जाएंगे।
- नासा को इससे चित्र और वीडियो मिलने की भी उम्मीद है। इनजेनयुटी नाम का हेलीकॉप्टर मंगल के उन स्थानों से आंकड़ों को लाने में सक्षम होगा, जहां रोवर नहीं पहुंच सकता है। धरती के बाहर किसी हेलीकॉप्टर की यह पहली उड़ान होगी।
- नासा ने जीवन की तलाश में मंगल ग्रह पर गत 18 फरवरी को पर्सिवेरेंस नामक अपना रोवर उतारा था। इसके साथ ही यह हेलीकॉप्टर भी लाल ग्रह पर पहुंचा था। इसकी पहली उड़ान 11 अप्रैल को होनी थी, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण उड़ान नहीं हो पाई थी।