लॉकडाउन का असर: मांग कम होने से मई में पेट्रोल-डीजल की बिक्री 17 प्रतिशत तक गिरी,

इस साल भी संक्रमण दर बहुत गंभीर है और इसे कम करने के लिए एक बार फिर स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। हालांकि इस बार व्यक्तिगत गतिशीलता पिछले साल की तरह बाधित नहीं हुई है और अधिक कारखाने खुल रहे हैं

 

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में पिछले एक महीने पहले की तुलना में मई में करीब 17 प्रतिशत की गिरावट आई है। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को कम करने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों से मांग में कमी आई है। इस दौरान पेट्रोल की बिक्री जो कारों और मोटरसाइकिलों में इस्तेमाल होती है यह मई में गिरकर 17 लाख 90 हजार टन हो गई, जो एक साल में सबसे कम है। जबकि मई 2020 में खपत मांग की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत अधिक थी, हालांकि यह COVID-19 से पहले की 24 लाख 90 हजार टन के स्तर से 28 प्रतिशत कम थी। भारत पिछले साल पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था, इससे सभी गतिशील और आर्थिक गतिविधियों पर व्यापर असर पड़ा।

इस साल भी संक्रमण दर बहुत गंभीर है और इसे कम करने के लिए एक बार फिर स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। हालांकि, इस बार व्यक्तिगत गतिशीलता पिछले साल की तरह बाधित नहीं हुई है और अधिक कारखाने खुल रहे हैं, जबकि राज्यों के बीच माल की आवाजाही भी उतनी बुरी तरह प्रभावित नहीं हुई है।

डीजल जिसकी मांग देश में सबसे अधिक है यह मई 2021 में गिरकर 48 लाख 9 हजार टन हो गया, जो पिछले महीने से 17 प्रतिशत और मई 2019 से 30 प्रतिशत कम है। कोरोना की वजह से एयरलाइंस ने कम क्षमता पर काम जारी रखा, मई में जेट ईंधन (एटीएफ) की बिक्री 2,48,000 टन थी, जो अप्रैल 2021 की तुलना में 34 प्रतिशत और मई 2019 की तुलना में 61.3 प्रतिशत कम थी। मई 2020 में जेट ईंधन की बिक्री 1,09,000 टन थी।

मई 2021 में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री की मात्रा साल-दर-साल 6 प्रतिशत गिरकर 21 लाख 6 हजार टन हो गई, लेकिन यह मई 2019 में बेचे गए 20 लाख 30 हजार मिलियन टन की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक थी।

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