मां सरस्वती के पूजन का पर्व वसंत पंचती पांच फरवरी होगी। ज्ञानदात्रा मां सरस्वती के पूजन के साथ ही होलिका दहन स्थलों पर अरंड की डाल की स्थापना होगी। इसी दिन शादी का शुभ मुहूर्त होेने की वजह से शादियों की धूम होगी।
लखनऊ । मां सरस्वती के पूजन का पर्व वसंत पंचती पांच फरवरी होगी। ज्ञानदात्रा मां सरस्वती के पूजन के साथ ही होलिका दहन स्थलों पर अरंड की डाल की स्थापना होगी। इसी दिन शादी का शुभ मुहूर्त होेने की वजह से शादियों की धूम होगी। कोराेना संक्रमण के चलते शादियों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन इस दिन अन्य दिनों के मुकाबले अधिक शादियां होंगी। लान के बजाय होटलों और रेस्टोरेंटों में शादियां अधिक बुक हैं।
सुबह से दोपहर बाद तक है पूजन का मुहूर्तः खेतों में खिले सरसों के फूल जहां इसके आने की आहट दे रहे हैं तो दूसरी ओर यज्ञोपवीत संस्कारों की तैयारियां सुरक्षा के साथ शुरू हो हो चुकी हैं। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि मां सरस्वती की पूजा पांच फरवरी को सुबह 7:10 बजे से दोपहर 12: 40 बजे के बीच करना श्रेयस्कर होगा। दोपहर 12:15 से एक बजे के बीच होलिका स्थापना का मुहूर्त है। राहुकाल सुबह 9:51 बजे से 11:13 बजे तक रहेगा। 15 जनवरी से शादियों का दौर शुरू हो गया है। 23 फरवरी से 26 मार्च तक 31 दिन गुरु तारा अस्त हो जाएगा और 14 मार्च से 14 अप्रैल मीन खरमास रहेगा जिसके कारण विवाह नहीं होगें।
मार्च में विवाह मुहूर्त नहीं हैैं। 15 अप्रैल से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे और 10 जुलाई तक विवाह रहेंगे। 10 जुलाई से देवशयनी एकादशी से चार नवंबर देवोत्थानी एकादशी तक चातुर्मास होने के कारण चार माह तक विवाह आदि कार्य नहीं होंगे। दो अक्टूबर से 20 नवंबर तक शुक्र तारा अस्त है जिसके कारण विवाह 24 नवंबर से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। सामूहिक विवाह अनुदान के इच्छुक दस्तावेजों के साथ जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं।