वाराणसी में पीएफआइ के पकड़े गए संदिग्धों की कोर्ट में की गई पेशी, एटीएस ने दो पूर्व की थी पूछताछ

पीएफआइ के पकड़े गए संदिग्धों की वाराणसी की कोर्ट में शनिवार को पेशी हुई। दोनों संदिग्धों को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच न्यायालय में पेश किया। गत दिनों वाराणसी पीएफआइ के संदिग्‍धों को पकड़ा गया था।

 

वाराणसी,  पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के दो सदस्यों को यूपी एटीएस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। जैतपुरा के कच्ची बाग के रहने वाले रिजवान और आदमपुर के आलमपुर निवासी मोहम्मद शाहिद को कज्जाकपुरा रेलवे क्रासिंग स्थित निर्माणाधीन ओवरब्रीज के पास से दोनों को गिरफ्तार किया गया।

दोनों साड़ी बुनकरी का काम करते हैं। उनके मोबाइल और लैपटाप से पीएफआइ से संबंधित साहित्य और बैठकों के रिकाडर्स मिले हैं। उनसे पूछताछ में जानकारी मिली की ज्ञानवापी के नाम पर लोगों से चंदा उगाही करते थे। पीएफआइ के संदेश लोगों तक पहुंचाते थे। सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान भी दोनों ने गुपचुप तरीके से लोगों को भड़काया था। इनके खिलाफ आदमपुर थाना में मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने अदालत में पेश किया। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।

 

 

तीन संदिग्ध कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था

नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी व एंटी टेररिस्ट स्क्वाड की टीम ने गुरुवार को आदमपुर और जैतपुरा में छापा मारकर पापुलर फ्रंट आफ इंडिया के नाम पर तीन संदिग्ध कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। किसी गुप्त स्थान पर पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया गया। इस दौरान तीनों के मोबाइल और ई-मेल एकाउंट को भी खंगाला गया, लेकिन कोई आपत्तिजनक बात सामने नहीं आई। आरोप था कि इनके कनेक्शन पीएफआइ के बड़े नेताओं से हैं। हालांकि इस बारे में दिन भर कोई भी सुरक्षा एजेंसी मुंह नहीं खोली।

 

पीएफआइ द्वारा आतंकी फंडिंग को लेकर देश भर में एनआइए और एटीएस की टीम छापेमारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार पीएफआइ से जुड़े तीन सक्रिय कार्यकर्ताओं को जैतपुरा के कच्ची बाग और आदमपुर के छित्तनपुरा और पठानीटोला से सुबह पांच बजे हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए तीनों के स्वजन जैतपुरा और आदमपुरा थाने पर पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें लखनऊ से हुई कार्रवाई का हवाला देकर लौटा दिया गया था।

 

सूत्रों का कहना है कि एनआइए की टीम ने तीनों के स्वजन से उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर लेने के साथ ही रिश्तेदारों के बारे में जानकारियां जुटाई। पूछताछ में यह जानने की कोशिश की क्या कभी कोई सदस्य देश से बाहर गया। हालांकि पूछताछ के बाद तीनों को छोड़ दिया गया।

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