विषम परिस्थितियों में लोहा लेने में माहिर पुलिसकर्मी स्वयं विषम परिस्थितियों में क्यों घबराते हैं,, “

एक पुलिसकर्मी के लिए विषम परिस्थिति तब उत्पन्न होती है जब अपराधी से नेता बने नेता जी के बंगले पर उनकी सुरक्षा में पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई जाती है

” लखनऊ : आवाज़ ~ ए ~ लखनऊ !  यूं तो किसी भी विषम परिस्थिति में हमारे उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मी घबराते नहीं पर सरकार द्वारा जो विषम परिस्थिति पैदा की जाती है उसको हमारे पुलिसकर्मी झेलने में अपने को असमर्थ पाते हैं जैसे पदोन्नति,पेंशन, आवासीय सुविधा आदि -आदि ऐसी विषम परिस्थितियों से कोई पुलिसकर्मी दो-चार नहीं होना चाहता है परन्तु ऐसा होता नहीं है एक पुलिसकर्मी के लिए विषम परिस्थिति तब उत्पन्न होती है
जब अपराधी से नेता बने नेता जी के बंगले पर उनकी सुरक्षा में पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई जाती है  जो कोतवाल उसे डण्डा लेकर ढूंढता था उस अपराधी से नेता बने अपराधी को सलाम ढोंकते देखकर एक सिपाही के मन में क्या बीतती होगी कल्पना ही की जा सकती है,ये काम सपा, बसपा राज में ज्यादा होता था पुलिस नेताओं के दबाव में अब भी है परन्तु पहले की अपेक्षा कम है।

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