एलडीए बड़े-बड़े व्यावयायिक भूखंडों को आसान किश्तों पर बेचने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही 5000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों को छोटे-छोटे भूखंडों में तब्दील करेगा जिससे वह आसानी से बिक सकें।
लखनऊ ! एलडीए बड़े-बड़े व्यावयायिक भूखंडों को आसान किश्तों पर बेचने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही 5000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों को छोटे-छोटे भूखंडों में तब्दील करेगा जिससे वह आसानी से बिक सकें। दरअसल, एलडीए ने जुलाई में शहर के बड़े बिल्डरों को बुलाकर व्यावसायिक भूखंड खरीदने की बात कही थी। तो बिल्डरों ने व्यावसायिक भूखंड न बिकने के तमाम कारण गिनाए , और बेचने के तरीके भी बताए।
बिल्डरों ने सुझाव पेश किया था कि भूखंड कीमत की 10 फीसदी धनराशि पंजीकरण के दौरान एवं आवंटन के बाद 25 फीसदी और बाकी 65 फीसदी रकम की वसूली कम से कम तीन महीने के बाद शुरू की जाए। साथ ही, 65 फीसदी रकम की कम से कम नौ किश्त को बनाया जाए, और ब्याज आएगा उसको जमा कर देंगे। इससे जिस प्रोजेक्ट के लिए भूखंड को उद्यमी के द्वारा खरीदा जाएगा के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कराई जा सकेगी। बिल्डरों इस सुझाव पर ही भूखंडों को बेचने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
आवास विकास बनाएगा 480 ईडब्ल्यूएस फ्लैट
लखनऊ के गरीब बेघर वाले निराश न हो, आवास विकास परिषद के द्वारा वृंदावन कॉलोनी में उनके खातिर 480 ईडब्ल्यूएस फ्लैट वन बीएचके बनाएगा। इसके लिए आवास विकास नये सिरे से योजना को तैयार करके यूपी रेरा से प्रोजेक्ट का पंजीकरण कराएगा। मगर, नयी योजना में जो फ्लैट बनेंगे उनकी कीमत पूर्व योजना के मुकाबले अधिक आएगी। यानी फ्लैट खरीदार को पहले से अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रशासनिक अफसरों ने 480 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाने को लेकर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। योजना का निरस्त किया जाना है। आवास विकास ने इस संबंधी में सोमवार को सार्वजनिक सूचना को भी जारी कर दिया है। आवास विकास ने इस योजना को निरस्त किये जाने का कारण सूचना में नहीं बताया है।
हालांकि, आधिकारिक सूत्रों का कहना कि आवास विकास ने फ्लैट का जो रेट पहले तय किया था, उसकी लागत बहुत बढ़ गई है। यानी फ्लैट की लागत पहले से अधिक आ रही है। साथ ही, दूसरी वजह यह भी बताई जा रही कि आवास विकास के जो फ्लैट खाली पड़े वह बिक नहीं रहे हैं। इसकी वजह से भी आवास विकास नये फ्लैट बनाकर पूंजी कोे फंसाना नहीं चाहता है। आवास विकास की यह योजना वृंदावन कॉलोनी के सेक्टर 13 में प्रस्तावित थी। 450 फ्लैट जी 3 टाइप के अपार्टमेंट में बनाए जाने थे। इस योजना में जिन लोगों ने फ्लैट पाने की आस में पंजीकरण कराया था, वह आवास विकास एवं यूपी रेरा में अपना दावा करके शुल्क को वापस ले सकते हैं। इस योजना के लिए कितने आवेदकों ने पंजीयन कराया आवास विकास ने अपनी सूचना में इसका उल्लेख नहीं कराया है।