प्रदेश सरकार शहरों में अवैध झुग्गी-झोपड़ी में नारकीय जीवन गुजारने वाले लोगों का सर्वे कराने जा रही है। इसका जिम्मा नगर विकास विकास प्राधिकरण जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से सौंपा गया है।
लखनऊ : प्रदेश सरकार शहरों में अवैध झुग्गी-झोपड़ी में नारकीय जीवन गुजारने वाले लोगों का सर्वे कराने जा रही है। इसका जिम्मा नगर विकास, विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से सौंपा गया है।
इस सर्वेक्षण में ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाएगा, जो प्रधानमंत्री आवास के लिए पात्र होंगे। इसके साथ ही यहां छिपे असामाजिक तत्वों को भी चिह्नित किया जाएगा। उन माफिया और सरकारी कर्मचारियों को भी चिह्नित किया जाएगा जो सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कराके झुग्गी झोपड़ियां बसाते हैं।
अवैध बस्तियों का कराया जाएगा सर्वे
‘दैनिक जागरण’ इन दिनों नदियों की दुर्दशा पर अभियान चला रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान को संज्ञान में लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। बुधवार को भी मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अवैध बस्तियों का सर्वे लखनऊ से शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।
इसके तहत गोमती नदी के किनारे के इलाकों का व्यापक सर्वेक्षण कराया जाएगा। इसके बाद पूरे प्रदेश में इसे अभियान के रूप में चलाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमती नदी के किनारे अवैध रूप से बसे लोगों की जानकारी इकट्ठा की जाए। इनका जल्द से जल्द सर्वे कराया जाए।
जरूरतमंदों को दिया जाएगा आवास
इसमें ये देखा जाए कि कौन से ऐसे लोग हैं जिन्हें पहले आवास उपलब्ध कराया गया था, इसके बावजूद वे अवैध कब्जा किए हुए हैं। ऐसे लोगों की भी सूची बनाएं जो लखनऊ या यूपी से संबंध नहीं रखते हैं और यहां अवैध रूप से रह रहे हैं।
इसके बाद जरूरतमंदों को आवास की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने सर्वे के लिए जिलाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपते हुए तय समय में काम पूरा करने का निर्देश दिए हैं। गरीबों की आड़ में अक्सर असामाजिक तत्वों को भी बसाने का काम किया जाता है। ऐसे तत्व बाद में राहगीरों से छिनैती, महिलाओं से छेड़खानी और व्यापारियों से लूटपाट करते हैं। इसलिए जल्द से जल्द एक-एक व्यक्ति का डाटा तैयार करें।