सेंसेक्स के 50,000 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों की संपत्ति भी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 199.02 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। हालांकि, बाद में बाजार गिरने पर नीचे आ गया। वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह का कहना है कि ब्याज दर कम होने और लिक्विडिटी बढ़ने से शेयर बाजार को सपोर्ट मिला है, लेकिन आगे रिवर्स डायरेक्शन भी दिख सकता है। एक भी खराब खबर बाजार को कमजोर कर सकता है। भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से लेकर कई विशेषज्ञ निवेशकों को सतर्क कर चुके हैं। दास ने हाल ही में कहा था कि भारतीय बाजार की चाल अर्थव्यवस्था से मेल नहीं खा रहा है। ऐसे में कभी भी बड़ी गिरावट आ सकती है। इससे निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है।
बाजार में तेजी बढ़त की वजह
- अमेरिका में नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के बनने से निवेशकों को उम्मीद है कि जल्द ही नए राहत पैकेज को मंजूरी मिलेगी
- विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा जनवरी में अब तक 20,236 करोड़ रुपये का निवेश किया गया
- कोरोना महामारी के खिलाफ टीके लगने की शुरुआत से बाजार में माहौल सकारात्मक हुआ
- मजबूत घरेलू संकेतों का भी असर है। बिजली खपत, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा, जीडीपी में सुधार सहित अन्य आंकड़ों का असर
जनवरी के 15 दिन में ही 18000 करोड़ का निवेश
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जनवरी के पहले पखवाड़े में भारतीय बाजारों में 14,866 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनियों कें तीसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद के बीच एफपीआई का भारतीय बाजारों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने एक से 15 जनवरी के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 18,490 करोड़ रुपये का निवेश किया।
जनवरी के 15 दिन में ही 18000 करोड़ का निवेश
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जनवरी के पहले पखवाड़े में भारतीय बाजारों में 14,866 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनियों कें तीसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद के बीच एफपीआई का भारतीय बाजारों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने एक से 15 जनवरी के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 18,490 करोड़ रुपये का निवेश किया।
41 साल में 500 गुना की बढ़ोतरी
सेंसेक्स पिछले 41 साल में 500 गुना बढ़ गया है। 1979 में सेंसेक्स की कीमत 100 की थी। इसका मतलब है कि 41 साल पहले आपने 100 रुपया लगाया होता तो वो बढ़कर 50,000 रुपया हो गया होता।
कंपनियों का पूंजीकरण 199 लाख करोड़ के पार
सेंसेक्स के 50,000 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों की संपत्ति भी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 199.02 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। हालांकि, बाद में बाजार गिरने पर नीचे आ गया।