श्रीलंका में सराकर विरोधी प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए नौ घंटे का कर्फ्यू लगाया जाएगा। यह प्रतिबंध रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक होगा। देश के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विपक्ष से सहयोग की मांग की है।
कोलंबो, गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रही श्रीलंकाई सरकार सोमवार रात आठ बजे से मंगलवार सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगाएगी। यहां बीते दिन कर्फ्यू के उल्लंघन और सार्वजनिक संपत्ती को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दो सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश
श्रीलंका के डेली मिरर अखबार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार देश में कानून व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। जिसके चलते सख्ती के दौरान अब तक करीब 230 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें से 68 लोग अभी भी रिमांड पर हैं। देश के नवनियुक्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने एक बयान में कहा था कि वो सोमवार को देश में वित्तीय संकट की पूरी व्याख्या करेंगे।
पीएम ने विपक्ष से किया सहयोग का आग्रह
गौरतलब है कि रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का वादे के साथ प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उन्होंने विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा और उनकी पार्टी को एक गैर-पक्षपाती सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है जो की पारंपरिक संसदीय राजनीति से परे है।
सरकार की रणनीति को लेकर दिए संकेत
विक्रमसिंघे ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच बहुत कुछ घटित हुआ है। अब बहुत कुछ करना है और पिछले दिनों में जो दिक्कतें हुई हैं, उनमें सुधार भी करना है। उन्होंने कहा कि सरकार को मामलों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, जिन पर देश की अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का आरोप लगाया गया है। उन्होंने यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे के गुरुवार को देश के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद नए मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों को नियुक्त किया है।
सभी से एकजुट होकर काम करने की अपील
उम्मीद जताई जा रही है कि कैबिनेट में और मंत्री नियुक्त किए जा सकते हैं। क्योंकि देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक पार्टियों से अनुरोध किया है कि देश में चल रही राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय सरकार बनाने के लिए सभी एकजुट होकर काम करें।