केजीएमयू (किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय) के ट्रामा सेंटर में शनिवार सुबह इलाज के अभाव में तड़पकर नवजात की मौत हो गई। लाख मिन्नतें करने के बावजूद डाक्टरों ने भर्ती नहीं किया न ही उसे हाथ लगाया। आरोप है कि डाक्टरों ने बेड नहीं होने की बात कही।
लखनऊ । केजीएमयू (किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय) के ट्रामा सेंटर में शनिवार सुबह इलाज के अभाव में तड़पकर नवजात की मौत हो गई। लाख मिन्नतें करने के बावजूद डाक्टरों ने भर्ती नहीं किया, न ही उसे हाथ लगाया। आरोप है कि डाक्टरों ने बेड नहीं होने की बात कही। इधर, आक्सीजन के बगैर नवजात की सांसें उखड़ती रहीं। तब वह बलरामपुर अस्पताल लेकर भागे। मगर वहां भी निराशा हाथ लगी। लौटाए जाने पर वह लोग फिर से केजीएमयू के ट्रामा सेंटर आ गए। नवजात के साथ आयी उसकी मां गोद में तड़पते बेटे को देखकर बौखला गई। मां ने भी डाक्टरों के हाथ-पैर जोड़े मगर किसी का दिल नहीं पसीजा।
सुलतानपुर निवासी हरिशंकर अग्रहरि ने बताया कि जयसिंहपुर तहसील के रजपालगंज निवासी उनके साढ़ू रमेश गुप्ता की पत्नी को चार दिन पहले सीएचसी पर प्रसव हुआ था। बाद में डाक्टरों ने कहा कि ब’चे के मुंह में गंदा पानी चला गया है, इसे जिला अस्पताल ले जाइये। जिला अस्पताल लाने पर ब’चे को आक्सीजन लगाकर छोड़ दिया। कहा, एक-दो दिन में ब’चा ठीक हो जाएगा। मगर शुक्रवार की रात साढ़े नौ बजे कहा मेडिकल कालेज ले जाइए।
दो घंटे तक नहीं मिली एंबुलेंस: हरिशंकर ने बताया कि एंबुलेंस को बार-बार वह फोन लगाते रहे। करीब दो घंटे बाद एंबुलेंस मिली तो शुक्रवार रात 12 बजे लखनऊ रवाना हुए। सुबह चार बजे केजीएमयू के ट्रामा सेंटर पहुंच गए।
बस से शव को सुलतानपुर ले गए परिवारजनः परिवार के लोग आर्थिक रूप से भी काफी कमजोर हैं। लिहाजा शव को घर लेने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो बस में बैठकर पांच घंटे का सफर किया। मां नीतू रो-रोकर बेहाल हैं। पिता रमेश गुप्ता दिल्ली के किसी फैक्ट्री में मामूली वेतन पर नौकरी करते हैं।
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। नवजात भर्ती हुआ या नहीं, इस बारे में परिवार की ओर से कोई शिकायत भी नहीं की गई है। शिकायत मिलने पर मामले को पता कराया जाएगा। -डा. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू