सटोरिये की सिफारिश में पकड़ा फर्जी दारोगा ‘चलाता’ था पूरा थाना, कमिश्नर ने किया प्रभारी लाइन हाजिर

कमिश्नर के निरीक्षण के दौरान भी ट्रांस यमुना थाने में ही था। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद की गई कार्रवाई। सटोरिये को छुड़ाने के लिए दारोगा को 92 हजार रुपये की रिश्वत देने की कोशिश में पकड़ा था।

 

आगरा,  आगरा के हरीपर्वत थाने में सटोरिये की सिफारिश में पहुंचे फर्जी दारोगा उजैर ने अपनी तैनाती ट्रांस यमुना थाने में यूं ही नहीं बताई थी। वह ट्रांस यमुना थाने के एसओ अवधेश गौतम का इतना करीबी था कि पूरे थाने का ठेका लेता था। उसने जिस काम को भी पकड़ा, पूरा करा दिया। प्रभारी से करीबी इतनी कि व्यक्तिगत आयोजनों में तो शामिल होता ही था, कमिश्नर डा. प्रीतिंदर सिंह के निरीक्षण के दौरान भी वो साथ-साथ चल रहा था।

थाना प्रभारी को किया लाइन हाजिरसोशल मीडिया पर फोटो प्रसारित होने के बाद कमिश्नर ने थाना प्रभारी अवधेश गौतम को लाइन हाजिर कर दिया। एमएम गेट थाना क्षेत्र में साबुन कटरा निवासी उजैर खान को हरीपर्वत थाने में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। खुद को ट्रांस यमुना थाने में तैनात दारोगा बताकर उसने थाने में बंद सट्टेबाज की सिफारिश की थी। दारोगा निशामक त्यागी को 92 हजार रुपये देने की कोशिश की थी। पुलिस ने उसके फेसबुक प्रोफाइल को चेक किया तो कई पुलिसकर्मियों के साथ फोटो दिखे। शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर उजैर के फोटो प्रसारित हो गए। इनमें वह ट्रांस यमुना कालोनी पुलिस चौकी पर दिख रहा है। थाने में एसओ अवधेश गौतम के जन्मदिन से लेकर हर छोटे-बड़े आयोजन में साथ दिख रहा है।

पुलिस कमिश्नर के निरीक्षण में था मौजूदपुलिस आयुक्त के निरीक्षण के समय भी वह थाने पर रहा और फेसबुक पर उनके पीछे चलते हुए फोटो पोस्ट भी किया। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि उजैर थाना प्रभारी का करीबी था। वह जिस काम का ठेका लेता था वह आसानी से हो जाता था। एक अन्य वीडियो में उजैर हथियार लहराते हुए भी िदख रहा है। शुक्रवार को पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह ने एसओ ट्रांस यमुना थाने से हटाकर पुलिस लाइंस भेज दिया।

आनंद प्रकाश को दिया थाना का प्रभार

ट्रांस यमुना थाने के प्रभारी के विरुद्ध शिकायतें मिल रही थीं। इंटरनेट मीडिया पर फोटो प्रसारित हुए हैं। इनसे पुलिस की छवि खराब हो रही थी। इसलिए एसओ को लाइन हाजिर किया है। विभागीय जांच भी कराई जाएगी। थाने का प्रभार इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश को दिया गया है। डा. प्रीतिंदर सिंह, पुलिस आयुक्त

ये भी थे मामले

जमीन के कई मामलों में पुलिस ही पार्टी बन गई थी। पुलिस आयुक्त की चेतावनी के बाद भी सुधार नहीं हुआ।

20 जनवरी को चोरों का गैंग जेल भेजा गया।

सोशल मीडिया पर चार आरोपितों के साथ एसओ का फोटो प्रसारित किया गया। जबकि जेल तीन ही भेजे गए।

थाने पर भूमाफिया और दलालों के सक्रिय होने की शिकायतें मिल रही थीं।

तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कसा था शिकंजाएसएसपी प्रभाकर चौधरी के कार्यकाल में हो गए थे भूमिगत एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने थानों के कारखासों पर शिकंजा कसा था। गोपनीय जांच के बाद सभी थानों से करीब 40 से अधिक सिपाहियों को पुलिस लाइन में विशेष प्रशिक्षण के लिए स्थानांतरित कर दिया था। सुबह से लेकर शाम तक इनको प्रशिक्षण दिया जाता था। उनके कार्यकाल में प्रशिक्षण चलता रहा। उनकी हालत को देखकर थानों में उजैर जैसा कोई ठेकदार सक्रिय नहीं हो सका था।

 

कई दारागाओं के साथ है फोटोएसओ बमरौली कटारा के साथ भी फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए फोटो में उजैर एसओ बमरौली कटारा के साथ भी दिख रहा है। नए थाने पर तैनाती मिलने पर वह बुके लेकर पहुंचा और फेसबुक पर पोस्ट किया है। कई अन्य दारोगा के साथ भी उसके फेसबुक पर फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं।

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