यूपी विधानसभा को देखते हुए समाजवादी पार्टी अलग-अलग वर्गों और जातियों को साधने में लगी हुई है। सपा ने शुक्रवार को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर जहां विश्वकर्मा समाज को साधने की कोशिश की तो वहीं दलितों को लुभाने के लिए अब दलित संवाद भी करेगी।
लखनऊ , उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 के विधानसभा को देखते हुए समाजवादी पार्टी अलग-अलग वर्गों और जातियों को साधने में लगी हुई है। सपा ने शुक्रवार को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर जहां विश्वकर्मा समाज को साधने की कोशिश की तो वहीं, दलितों को लुभाने के लिए अब दलित संवाद भी करेगी। इसकी जिम्मेदारी समाजवादी लोहिया वाहिनी को दी गई है। 19 सितंबर से यह संवाद कार्यक्रम आयोजित होगा।
लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डा.राम करन निर्मल 19 से 27 सितंबर तक कानपुर, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा, फीरोजाबाद, आगरा और मथुरा में गांव-गांव दलित संवाद कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इस दौरान लोहिया वाहिनी समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिए ‘लोहिया वाहिनी करे संवाद, आएगा फिर से समाजवाद’ का नारा भी देगी।
प्रदेश अध्यक्ष डा.निर्मल ने कहा कि लोहिया वाहिनी भाजपा सरकार की जनविरोधी, किसान विरोधी, दलित-पिछड़ा विरोधी व आरक्षण विरोधी नीतियों को उजागर करने के लिए जनसंवाद कार्यक्रम करने जा रही है। दलित संवाद कार्यक्रम में यह बताया जाएगा कि भाजपा सरकार की दलित विरोधी नीतियां उनका कितना नुकसान कर रही हैं। साथ ही समाजवादी विचारधारा, कार्यों एवं नीतियों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।
शिक्षकों को जोड़ने के लिए संवाद कार्यक्रम 22 से : शिक्षकों को समाजवादी पार्टी से जोड़ने के लिए समाजवादी शिक्षक सभा 22 सितंबर से संवाद कार्यक्रम चलाएगी। यह कार्यक्रम शिक्षक सभा के प्रदेश अध्यक्ष एवं एमएलसी डा.मान सिंह यादव के नेतृत्व में चलाया जाएगा। वह प्रदेश के विभिन्न जिलों में बूथवार शिक्षकों की भूमिका- ‘संवाद से समाधान की ओर’ कार्यक्रम में शामिल होंगे। सात चरणों के इस कार्यक्रम का पहला चरण 22 सितंबर को प्रयागराज से शुरू होगा। अंतिम चरण पांच दिसंबर को लखनऊ में समाप्त होगा।