साइरा बानो दिलीप कुमार की जोड़ी फैंस को काफी पसंद आती है। अब साइरा बानो ने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम ज्वाइन कर लिया है। वह वहां अक्सर आपने से जुड़ी जानकारियां देती रहती है। अब उन्होंने फिल्म सगीना के बारे में बताया है। उन्होंने जानकारी दी है कि इस फिल्म में दिलीप कुमार ने सबसे अच्छा काम किया था।
नई दिल्ली, सायरा बानो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। वह लगातार अपने से जुड़ी महत्वपूर्ण और रोचक बातें सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती है। अब ने फिल्म ‘सगीना’ में दिलीप कुमार के परफॉरमेंस पर बात की है। उन्होंने इसे मंत्रमुग्ध कर देने वाला और रोमांचकारी कहा है। उन्होनेह भी बताया कि वह सेट पर फिल्म के क्रू के साथ कैसा व्यवहार करते थे।
सायरा बानो ने 1974 में आई फिल्म सगीना के बारे में क्या कहा है?
सदाबहार एक्ट्रेस सायरा बानो ने एक बार फिर पुरानी यादों के झरोखे से एक नई कहानी लेकर आई है। उन्होंने अपनी 1974 की फिल्म सगीना के बारे में बात की है। रविवार को इंस्टाग्राम शेयर किए एक पोस्ट में एक्ट्रेस ने अपने दिवंगत पति और अभिनेता दिलीप कुमार के बारे में भी बात की है। वे भी इस फिल्म का हिस्सा थे।
सायरा बानो ने दिलीप कुमार के सगीना के प्रदर्शन पर क्या कहा है
सायरा बानो ने एक किस्सा भी शेयर किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे गयाबारी में शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार ने सभी के लिए एक बैडमिंटन कोर्ट बनवाया था। उन्होंने फिल्म में अभिनेता के प्रदर्शन को सबसे अच्छा, मंत्रमुग्ध कर देने वाला और रोमांचकारी प्रदर्शन भी बताया। उन्होंने कई तस्वीरों के साथ-साथ ‘सगीना’ की एक क्लिप भी शेयर की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है,
“सगीना मेरी सबसे पसंदीदा फिल्मों में से एक है। यह लेबर मूवमेंट की सच्ची कहानी पर आधारित है। सगीना, एक फैक्ट्री मजदूर… एक ईमानदार और प्यारी भूमिका है। वह पहली बार उत्तरी-पूर्वी भारत के चाय बागानों में ब्रिटिश मालिकों के अत्याचार के खिलाफ लड़ती है और न्याय दिलाती है।”
साइरा बानो आगे कहती है,
“साहब और तपन सिन्हा ने एक साथ काम किया तो मुझे बहुत खुशी हुई… वे बहुत अच्छे दोस्त थे और समान विचारधारा वाले लोग थे। उन्होंने गयाबारी में माहौल को खुशनुमा बनाने का पूरा प्रयास किया। सगीना की शूटिंग के दौरान हमने आउटडोर में काम किया था। साहब ने वहां जो चीज सबसे पहले बनाई थी, वह शूटिंग की पूरी टीम के लिए शाम को एक साथ खेलने के लिए एक बैडमिंटन कोर्ट था। इसके बाद सभी गाने और जोक्स सुनाने के लिए रात को इकट्ठा होते थे।”