प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट प्रावधानों पर आयोजित एक वेबिनार में कहा कि हमें भारत निर्मित टीकों की बढ़ती मांग के लिए तैयार रहना होगा। देश से 2025 तक ट्यूबर्क्युलोसिस को खत्म करने का हमारा लक्ष्य है, इसकी रोकथाम के लिए मास्क पहनना, शुरुआती जांच और उपचार महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सेवा को किफायती बनाने और इसकी सुलभता को अगले स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है, जिसके लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष के बजट में हेल्थ सेक्टर को जितना बजट आवंटित किया गया है, वह अभूतपूर्व है। यह हर देशवासी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ”चिकित्सा उपकरण से लेकर मेडिसन तक। वेंटिलेटर से लेकर वैक्सीन तक, साइंटिफिक रिसर्च से लेकर सर्विलांस इंफ्रास्ट्रक्चर तक, डॉक्टर्स से लेकर एपिडेमियोलोजिस्ट तक, हमें सभी पर ध्यान देना है ताकि देश भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य आपदा के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहे। कोरोना के दौरान भारत के हेल्थ सेक्टर ने जो मजबूती दिखाई है, अपने जिस अनुभव औऱ अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, उसे दुनिया ने बहुत बारीकी से नोट किया है।” आज पूरे विश्व में भारत के हेल्थ सेक्टर की प्रतिष्ठा और भारत के हेल्थ सेक्टर पर भरोसा, नए स्तर पर है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को स्वस्थ रखने के लिए हम 4 मोर्चों पर एक साथ काम कर रहे हैं। पहला मोर्चा है, बीमारियों को रोकने का यानी प्रिवेंशन ऑफ इलनेस और प्रमोशन ऑफ वेलनेस।. दूसरा मोर्चा, गरीब से गरीब को सस्ता और प्रभावी इलाज देने का है। आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाएं यही काम कर रही हैं। तीसरा मोर्चा है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वांटिटी और क्वालिटी में बढ़ोतरी करना। वहीं, चौथा मोर्चा है- समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना। मिशन इंद्रधनुष का विस्तार देश के आदिवासी और दूर-दराज के इलाकों तक किया गया है