सीतापुर में बेटे के शव को बाइक पर ले जाने के मामले में इंचार्ज शशांक पांडे को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके अलावा कांस्टेबल शशिधर मिश्र को निलंबित कर दिया गया है। एंबुलेंस चालक नीलेश को भी सेवा मुक्त कर दिया गया है।
सीतापुर, आमजन की सुविधा के लिए सरकार तो संसाधन उपलब्ध कराती है लेकिन, लापरवाह सिस्टम लोगों को रुला देता है। इसी की एक बानगी बुधवार को सीतापुर जिला अस्पताल में देखने को मिली, जब अपने मासूम बेटे का शव पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए लाचार पिता गिड़गिड़ाता रहा, मदद मांगते रहा लेकिन, कोई नहीं चेता। परिवारजन खुद शव वाहन के चालक के पास गए तो वह नशे में धुत मिला। ऐसी स्थिति को देखते हुए परिवारजन बाइक पर ही शव रखकर मर्च्युरी से लेकर चले गए। वहीं मामले पर कार्रवाई करते हुए इंचार्ज शशांक पांडे को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके अलावा कांस्टेबल शशिधर मिश्र को निलंबित कर दिया गया है। एंबुलेंस चालक नीलेश को भी सेवा मुक्त कर दिया गया है।
तालगांव के देवरिया निवासी छविनग के बेटे अंकुर की मंगलवार शाम जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि सड़क हादसे में घायल होने के बाद उसे सीतापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंकुर की मौत के बाद शव को जिला अस्पताल की मर्च्युरी में रखवा दिया गया। इसके बाद बुधवार को जिला अस्पताल में पंचायत नामा हुआ। इसके बाद परिवारजन शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने का इंतजाम करने लगे। जिला अस्पताल के वाहन से शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजने की बात बताई गई। इस पर परिवारजन ने इमरजेंसी में संपर्क साधा। पिता छविनग के मुताबिक इमरजेंसी में कर्मियों ने वाहन चालक से बात की। उसने 10 मिनट में आने की बात बताई। एक घंटे बाद भी चालक नहीं आया तो परिवारजन दोबारा गए। छविनग की मानें तो चालक नशे में धुत था। समय गुजर रहा था। करीब डेढ़ घंटा इंतजार करते हो चुका था। ऐसे में परिवारजन बाइक पर ही शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस चले गए।
जांच में पता चला नशे में धुत था चालक: तालगांव के देवरिया गांव का छविनग बुधवार को अपने बेटे अंकुर का शव बाइक से मर्च्युरी ले गया था। इस मामले का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। एसपी आरपी सिंह के निर्देश पर सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह व एसडीएम सदर अमित भट्ट को जांच के लिए भेजा था। दोनों अधिकारियों की जांच के बाद चौकी इंचार्ज शशांक पांडे को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके अलावा कांस्टेबल शशिधर मिश्र को निलंबित कर दिया गया है। एंबुलेंस चालक नीलेश को भी सेवा मुक्त कर दिया गया है। जांच में यह बात स्पष्ट हो गई है कि एंबुलेंस चालक शराब के नशे में धुत था।