सीतापुर में साड़ी पहन स्‍केट‍िंग करती बिटिया का अनोखा अभ‍ियान, टीकाकरण के लिए कर रही प्रेर‍ित,

पांचवीं की छात्रा श्री पिछले दिनों अपने बाबा संजय कुमार गुप्त और दादी रमा गुप्ता को वैक्सीन लगवाने के लिए रामकोट स्वास्थ्य केंद्र गई थी। यहां पर श्री के बाबा-दादी ने काफी देर इंतजार किया इसके बावजूद वैक्सीन नहीं लग पाई।

 

सीतापुर,  यह नन्ही परी तो सचमुच कमाल की है। वह अक्सर साड़ी पहनकर गांव की गलियों में स्केटिंग करती नजर आती है। स्केटिंग भी वह सिर्फ अपने मनोरंजन के लिए नहीं करती वरन, उसका मकसद तो ग्रामीणों को कोरोना टीकाकरण के लिए प्रेरित करना होता है। जी हां, हम बात कर रहे रामकोट निवासी 10 साल की श्री गुप्ता की, जिसके वीडियो इंटरनेट मीडिया पर छाए हैं। वह आसपास गांवों में ग्रामीणों को कोरोना टीकाकरण के लिए जगा रही है।

चुभ गई थी ये बात

श्री गुप्ता के पिता की सीतापुर में कलर लैब हैं। पांचवीं की छात्रा श्री पिछले दिनों अपने बाबा संजय कुमार गुप्त और दादी रमा गुप्ता को वैक्सीन लगवाने के लिए रामकोट स्वास्थ्य केंद्र गई थी। यहां पर श्री के बाबा-दादी ने काफी देर इंतजार किया, इसके बावजूद दोनों के वैक्सीन नहीं लग पाई। इस पर श्री स्वास्थ्य कर्मियों के पास पहुंच गई और कोरोना टीका न लगाने का कारण पूछा। इस पर कर्मियों ने उसे बताया कि वे वैक्सीन की वायल तभी खोल सकते हैं, जब एक साथ 10 लाभार्थी हाें। सिर्फ दो लोगों के लिए वायल खोली जाए तो कई डोज खराब हो जाएंगी। इस पर श्री ने वहीं स्वास्थ्य कर्मियों से कारण पूछा। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ टीकाकरण पर जोर दे रहे हैं तो लोग वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहे। इस पर स्वास्थ्य कर्मियों ने गांव में फैली भ्रांतियों के बारे में जानकारी दी। बस, यहीं से श्री ने लोगों को जगाने का फैसला कर लिया। श्री के बाबा-दादी का टीकाकरण बाद में पड़ोस के ही जैतीखेड़ा में करवाया गया।

टास्क ने पहना दी श्री को साड़ी

श्री अभी आनलाइन पढ़ाई कर रही है। आनलाइन क्लास में ही उसे साड़ी पहनकर लोगों को जागरूक करने का टास्क दिया गया था। बस, इसी के बाद श्री ने साड़ी पहन ली। उसे स्केटिंग भी पसंद है। ऐसे में वह साड़ी पहनकर स्केटिंग करते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए जाती है।

 

गांव में फैली भ्रांतियां : एक वीडियो में श्री एक बुजुर्ग से बात करते हुए दिखती है। कहती है, बाबा अापने वैक्सीन लगवाई? जवाब आता है नहीं। इसके बाद श्री उन्हें जागरूक करती है। कहती है कि आपको वैक्सीन लगवानी चाहिए। इसी दौरान एक बुजुर्ग कहते हैं कि वैक्सीन सबको शूट नहीं करती। इस पर भी श्री उन्हें यह समझाती है कि ये ठीक नहीं है। मेरे दादा-दादी ने वैक्सीन लगवाई है, वे बिल्कुल ठीक हैं।

‘बाबा-दादी के वैक्सीन न लग पाने की वजह से ही श्री ने लोगों को जागरूक करने की ठानी थी। उसके कहने के बाद लोग वैक्सीन लगवाने की सहमति भी दे रहे हैं।’     – शशांक गुप्त, श्री के पिता 

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