सूडान में फंसे भारतीयों की निकासी का अभियान शुरू, 278 लोगों को लेकर INS का पहला जत्था रवाना

भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी के जरिए वहां फंसे भारतीयों को बाहर निकालने का जिम्मा उठाया है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीयों का पहला जत्था मंगलवार को सूडान से रवाना हो गया है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार (25 अप्रैल) को यह जानकारी दी।

 

नई दिल्ली, एजेंसी। सूडान में छिड़ा गृहयुद्ध भीषण रूप लेता जा रहा है। देश में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए संघर्ष जारी है। इस आपसी जंग में अब तक लगभग 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस बीच सूडान में भारतीयों समेत कई अन्य देशों के नागरिक फंसे हुए हैं। हालांकि सूडान सेना दूसरे देश के नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए तैयार हो गई है।

ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों का पहला जत्था भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी के जरिए वहां फंसे भारतीयों को बाहर निकालने का जिम्मा उठाया है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीयों का पहला जत्था मंगलवार को सूडान से रवाना हो गया है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार (25 अप्रैल) को यह जानकारी दी।

अरिंदम बागची ने ट्वीट कर भारतीयों की फोटोज की शेयरविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ऑपरेशन कावेरी के कुछ फोटोज और वीडियो शेयर किए। उन्होंने आईएनएस सुमेधा (INS Sumedha) पर सवार भारतीयों की फोटोज शेयर कीं। बागची ने ट्वीट किया, “सूडान में फंसे हुए भारतीयों का पहला जत्था ऑपरेशन कावेरी के तहत रवाना हुआ। आईएनएस सुमेधा 278 लोगों के साथ पोर्ट सूडान से जेद्दा जा रहा है।

वहीं, सूडान से निकलते भारतीयों ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया और हाथ में तिरंगा थामे हुए नजर आए। आपको बता दें कि सूडान से आ रहे इन लोगों में कई बच्चे भी शामिल हैं।

सूडान में भीषण जंग जारीसूडानी सशस्त्र बलों (SAF) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच 15 अप्रैल को हुई हिंसक झड़पें बेरोकटोक जारी हैं। सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हिंसा में कम से कम 424 लोगों की मौत हुई है और करीब 3,730 लोग घायल हुए हैं।

PM मोदी ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए की बैठकप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सूडान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई के कारण सूडान हिंसा का सामना कर रहा है। लगातार संघर्ष के बीच भी हिंसा की खबरें आ रही हैं।

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