माइक्रो आरएनए के तीन अलग प्रकारों की पहचान की गई है। एक नए सेंसर से यह पता किया जा सकेगा कि यह दिल का दौरा है या फिर उस जैसे लक्षण वाली कोई और बीमारी है जैसे खून का बहाव मंद पड़ना या अन्य कोई परेशानी।
वाशिंगटन, अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसा सेंसर विकसित किया है जो तीस मिनट से कम समय में हार्ट अटैक की पहचान कर सकता है। यानी उसके लक्षणों को पहचानते हुए दिल का दौरा पड़ने से पहले ही मरीज को इससे आगाह कर सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति समय रहते बचाव व उपयुक्त इलाज के लिए उपाय कर लेगा।
नए शोध में बताया गया है कि माइक्रो आरएनए के तीन अलग प्रकारों की पहचान की गई है। एक नए सेंसर से यह पता किया जा सकेगा कि यह दिल का दौरा है या फिर उस जैसे लक्षण वाली कोई और बीमारी है, जैसे खून का बहाव मंद पड़ना या अन्य कोई परेशानी। इसकी पहचान करने के लिए परंपरागत विधियों से इसमें बेहद कम खून के परीक्षण की आवश्यकता पड़ती है।
विकासशील देशों में निकाला जा सकता है नैदानिक समाधान
नोट्रेडैम यूनिवर्सिटी के सूह-चिया चैंग ने बताया कि इस सस्ते उपकरण से विकासशील देशों में नैदानिक समाधान निकाला जा सकता है। यह स्टार्टअप कंपनी इस उपकरण का निर्माण करती है। नोट्रेडैम आइडिया सेंटर फिलहाल एक चिप पर काम कर रहा है। यह सेंसर हार्ट अटैक की अवस्था में एक इकोकार्डियोग्राम की तरह काम करता है। लेकिन मरीज को हार्ट अटैक ही आया है, इसके लिए ब्लड सैंपल की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रक्रिया में आठ घंटे लगते हैं।
हार्ट अटैक आने पर ये होते हैं सामान्य लक्षण
बता दें कि दिल का दौरा पड़ने वाले चार में से एक मरीज को सांस लेने में तकलीफ, अत्यधिक थकावट और पेट दर्द जैसे असामान्य लक्षण होते हैं। ऐसे लक्षणों वाले मरीजों को आपातकालीन सहायता मिलने की संभावना कम होती है। सीने में दर्द वाले लोगों की तुलना में उन्हें गंभीर हृदय क्षति होने की संभावना भी अधिक होती है। ऐसे में शीघ्र अस्पताल में उपचार करवाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।