स्मृति शेष: कानपुर के सुप्रसिद्ध हास्य कवि कमलेश द्विवेदी का निधन, शोक में डूबा साहित्य जगत,

हिंदी काव्य मंच आकाशवाणी के अलावा उन्होंने दूरदर्शन के कार्यक्रमों में अपने हुनर से सभी को प्रभावित किया। उन्हें 20 से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका था। वह उप्र राज्य हथकरघा निगम में सहायक प्रबंधक भी रहे।

 

कानपुर, अपनी हास्य कविताओं से देश-दुनिया में सशक्त पहचान बनाने वाले कवि कमलेश द्विवेदी का शनिवार सुबह निधन हो गया। बताया जा रहा है कि काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की जानकारी मिलते ही कवि जगत में शोक की लहर दौड़ गई। इस दुखद समाचार के बारे में जिसने भी सुना वह स्तब्ध रह गया। उनके निधन को लेकर तमाम कवियों ने इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अपनी तरफ से शोक व्यक्त कर दु:ख जताया।

ऐसे थे कमलेश द्विवेदी: कवि कमलेश द्विवेदी बेहद हंसमुख स्वभाव के थे, इसलिए कविताओं में भी उनका फोकस हास्य पर ही रहता था। हास्य कविताओं के अलावा बाल साहित्य की विधाओं में उनकी सृजनात्मकता के सभी कायल थे। हिंदी काव्य मंच, आकाशवाणी के अलावा उन्होंने दूरदर्शन के कार्यक्रमों में अपने हुनर से सभी को प्रभावित किया। उन्हें 20 से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका था। वह उप्र राज्य हथकरघा निगम में सहायक प्रबंधक भी रहे। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन व विभिन्न संकलनों में भी अपनी कविताओं का जिक्र किया। शहर में 25 अगस्त 1960 को जन्मे कवि कलमेश द्विवेदी ने एमकॉम व एलएलबी की उपाधि भी प्राप्त की थी।

इन्होंने भी जताया शोक: कवि डॉ.सुरेश अवस्थी ने उनके निधन पर कहा, हास्य व्यंग्य व अन्य विधाओं का एक मौलिक कवि खो दिया है। इससे काव्य साहित्य की बड़ी क्षति हुई है। हम सब बेहद दु:खी है।

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