जिले के पुलिस विभाग में खासी उथल-पुथल मचाने वाले इंद्रकांत मौत प्रकरण में फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार के साथ बांदा जनपद में तैनात रहे सिपाही अरुण यादव का नाम पांचवें आरोपित के रूप में जोड़ा गया था।
महोबा, ‘हमसे और हमारे परिवार से दुश्मनी मत लेना, क्योंकि हम लोगों को भगवान के दर्शन बहुत जल्द करवा देते हैं।’ यह फेसबुक पर बर्खास्त सिपाही अरुण यादव के चचेरे भाई नीलेश ने पोस्ट डाली है। इसी तरह आरोपित के सगे भाई नीरज ने भी पोस्ट डाली है जिसमें लिखा है कि ‘वक्त जब आंखें फेर लेता है तो शेर को भी कुत्ता घेर लेता है, क्योंकि कमजोर हम नहीं हमारा वक्त है वक्त को वक्त दो, क्योंकि वक्त आने में वक्त लगता है।’धमकी भरी इस पोस्ट पर दिवंगत इंद्रकांत के भाई ने एसपी से शिकायत की थी। इसके बाद उनकी तहरीर पर कबरई थाने में दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
ऐसे समझें मामला: जिले के पुलिस विभाग में खासी उथल-पुथल मचाने वाले इंद्रकांत मौत प्रकरण में फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार के साथ बांदा जनपद में तैनात रहे सिपाही अरुण यादव का नाम पांचवें आरोपित के रूप में जोड़ा गया था। पूर्व में करीब 10 वर्ष तक महोबा में तैनात रहे अरुण यादव को उच्चाधिकारियों का मध्यस्थ माना जाता था। आरोपित आइपीएस का भी यह काफी खास था। इसके माध्यम से ही कारोबारियों से वसूली होती थी। विभिन उद्यमियों व व्यापारियों से अवैध वसूली कराने में इसी बर्खास्त सिपाही की मुख्य भूमिका जांच में सामने आई थी। वर्तमान में लखनऊ जेल में बंद अरुण यादव के भाइयों पर इंद्रकांत के बड़े भाई विजय त्रिपाठी ने फेसबुक में धमकी वाली पोस्ट डालने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार बर्खास्त सिपाही के भाई भी पुलिस सेवा में हैं। जो इंद्रकांत के परिवार से खुनन्स मानते हैं तथा इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर अनिष्ट कर देने की धमकी पहले भी देते रहे हैं ।
पहले भी धोखाधड़ी का दर्ज हो चुका मुकदमा: आरोपित बर्खास्त सिपाही अरुण यादव का भाई नीरज भी इस समय प्रतापगढ़ में जीआरपी में आरक्षी पद पर तैनात है। आरोपित नीलेश चचेरा भाई है, यह गांव कुशगंवा अहिरान निवाड़ी कला थाना बकेवर इटावा में रहता है। आरोपित अरुण, नीरज, चाचा रघुराज सिंह जो हमीरपुर में सिपाही पद पर पुलिस लाइन में तैनात हैं, छोटा चाचा अनिल, पिता ध्यान सिंह के खिलाफ औरैया निवासी विकास कुमार ने अक्टूबर 2020 में सदर कोतवाली महोबा में नौकरी के नाम पर पांच लाख रुपये ठगी करने का मुकदमा लिखाया था। इसी साल सात जुलाई को बर्खास्त सिपाही पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन निरीक्षक झांसी सुरेंद्र सिंह ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा सदर कोतवाली महोबा में दर्ज कराया था।
इनका ये है कहना: कबरई एसएचओ दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर बर्खास्त सिपाही के भाई नीरज और चचेरे भाई नीलेश पर धारा 506 के तहत मुकदमा लिखकर जांच की जा रही है।