आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अबतक 1.74 करोड़ से ज्यादा करदाताओं को 1.81 लाख करोड़ रुपये वापस किए गए हैं। इसमें से व्यक्तिगत आयकर मद में 1.71 करोड़ करदाताओं को 62,231 करोड़ रुपये और कंपनी कर के मामले में 2.12 लाख करदाताओं को विभाग ने 1.19 लाख करोड़ रुपये लौटाए। विभाग ने ट्विटर पर लिखा है, ”सीबीडीटी ने एक अप्रैल, 2020 से 25 जनवरी, 2021 के बीच 1.74 लाख से अधिक करदाताओं को 1,81,336 करोड़ रुपये वापस किए।
इसके बावजूद बहुत सारे करदाता सोशल मीडिया के जरिये शिकायत कर रहे हैं कि उनको उनका रिफंड नहीं मिला ,जबकि उन्होंने चार-पांच महीने पहले अपना आयकर रिटर्न भरा था। अगर, आप भी उन करादाताओं में शामिल हैं, जो अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं तो हम उन कारणों को बता रहे हैं।
फॉर्म में बैंक खाते का गलत विवरण
आयकर विभाग अब सिर्फ बैंक खाते में ही टैक्स रिफंड को भेजता है। ऐसे में अगर आपने फॉर्म भरते हुए अपने खाते का गलत विवरण भरा है तो आपका रिफंड अटक सकता है। इसको आप आयकर विभाग के जरिये सुधार सकते हैं।आप ऑनलाइन अपने फॉर्म में खाते का विवरण को सही कर सकते हैं। इसके साथ यह जरूरी है कि आप जिस बैंक खाते का विवरण अपने आयकर रिटर्न फॉर्म में दे रहे हैं वह पैन से जुड़ा हो।
खाता पूर्व सत्यापित नहीं होना
समय पर रिफंड नहीं आने का दूसरा सबसे बड़ा कारण होता है बैंक खाता का पूर्व सत्यापित नहीं होना। जिस खाते में आयकर विभाग से टैक्स रिफंड आना होता है उस बैंक खाते को अगर करदाता पहले से सत्यापित नहीं करता हैं तो आईटी रिफंड अटक जाता है। इसलिए करदाता को चाहिए कि वह आयकर विभाग से जुड़े बैंक खाते को समय से सत्यापित करें। टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद आपका जो भी रिटर्न बनेगा वह आयकर विभाग के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए इसी अकाउंट में भेजेगा।
रिटर्न समय पर वेरीफाई नहीं करना
आयकर रिटर्न भरने के बाद उसे वेरीफाई (सत्यापित) करना होता है। कई बार ऐसा होता है कि करदाता समय पर आयकर रिटर्न भर देता है, लेकिन वह अपने रिटर्न को वेरीफाई नहीं करता। जब तक आप इसे वेरीफाई नहीं करेंगे आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होता है। इसलिए आप चाहते हैं कि आपका रिटर्न जल्द मिले तो इसे वेरीफाई करना नहीं भूलें।
रिफंड की स्थिति को जांचे
अगर आपका रिफंड नहीं आता है तो आप आयकर विभाग की वेबसाइट के जरिये स्टेटस चेक कर सकते हैं। आप यह काम अपने पैन और लॉगइन आईडी औैर पासवर्ड के जरिये आसानी से कर सकते हैं।
क्या होता है रिफंड
आयकर दाता का इनकम टैक्स किसी वित्त वर्ष में उसके अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर पहले काट लिया जाता है। वहीं, जब वित्त वर्ष के अंत तक वह फाइनल कागजात जमा करता है, तब अगर हिसाब करने पर उसे यह मिलता है कि उसका टैक्स ज्यादा कट गया है और उसे आयकर विभाग से पैसे वापस लेने हैं, तो वह इसके लिए आईटीआर दाखिल कर रिफंड के लिए आवेदन करता है।