महेश ने राज्य उपभोक्ता आयोग में वाद दाखिल किया। आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार व सदस्य विकास सक्सेना ने दोनों पक्षों की सुनवाई की। आयोग ने पाया कि उपभोक्ता ने फ्लैट के मूल्य के अलावा अधिक धनराशि जमा की फिर उस पर दंड लगाना अनुचित है। आदेश दिया कि फ्लैट का वास्तविक कब्जा निर्णय के एक माह में सभी कमियां पूरा करते हुए दिलाएं।
लखनऊ : फ्लैट देने के लिए उपभोक्ता से पूरा धन जमा कराने के बाद भी लखनऊ विकास प्राधिकरण ने साढ़े तीन साल तक कब्जा नहीं दिया। उल्टे 6.28 लाख रुपये दंड व ब्याज के नाम पर मांगे। राज्य उपभोक्ता आयोग ने इसे अनुचित करार देते हुए आदेश दिया है कि दस साल से जमा धनराशि पर नौ प्रतिशत वार्षिक की दर से उपभोक्ता को LDA ब्याज लौटाए। मानसरोवर योजना कानपुर रोड की सारी कमियां एक माह में दुरुस्त कराएं और उपभोक्ता को मानसिक कष्ट का 20 हजार व वाद व्यय का 10 हजार रुपये भी देना होगा। सनराइज अपार्टमेंट मानसरोवर योजना निवासी महेश राम ने LDA से 2BHK व स्टडी रूम वाला फ्लैट लेने के लिए आवेदन किया था।
फ्लैट की अनुमानित कीमत 22.40 लाख रुपये थी। महेश ने 30 जनवरी 2010 को 1.12 लाख रुपये जमा किए और इसके बाद अलग-अलग तारीखों में 45 हजार रुपये चालान के माध्यम से जमा किए। इसके बाद भी LDA की ओर से उसे कोई सूचना नहीं दी गई। कार्यालय से संपर्क करने पर बताया गया कि OTS यानी एकमुश्त समाधान योजना में बकाया पैसा जमा करके फ्लैट का कब्जा ले सकते हैं। 22 फरवरी 2012 को एलडीए ने पत्र जारी किया कि महेश दो किस्तों में धन जमा कर दे। महेश ने 23 मार्च को 12,14,305 व चार मई 2012 को धन जमा किया। इसके बाद भी प्राधिकरण ने साढ़े तीन साल तक फ्लैट का कब्जा न देकर उपभोक्ता से 6,28,631 रुपये दंड व ब्याज के रूप में मांगे।
परेशान होकर महेश ने राज्य उपभोक्ता आयोग में वाद दाखिल किया। आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार व सदस्य विकास सक्सेना ने दोनों पक्षों की सुनवाई की। आयोग ने पाया कि उपभोक्ता ने फ्लैट के मूल्य के अलावा अधिक धनराशि जमा की फिर उस पर दंड लगाना अनुचित है। आदेश दिया कि एलडीए फ्लैट संख्या सीएच-ए/2 सेक्टर पी मानसरोवर योजना कानपुर रोड का वास्तविक कब्जा निर्णय के एक माह में सभी कमियां पूरा करते हुए दिलाएं। आवंटन पत्र में लिखे सभी संसाधन किचन, बाथरूम में आवश्यक सामान व बिजली की फिटिंग आदि कराएं।
वास्तविक कब्जा देने की तारीख से एक सप्ताह में ई-स्टांप व सेल डीड व उसके एक सप्ताह बाद विक्रय विलेख मुहैया कराएं। यह भी आदेश दिया कि LDA में उपभोक्ता के 25,85,610 रुपये 2010-2012 से जमा हैं। इस धन पर नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की गणना करके उपभोक्ता को मुहैया कराएं। LDA की ओर से सर्विस टैक्स के रूप में मांगी धनराशि ब्याज में समायोजित करें और शेष धनराशि उपभोक्ता को एक माह में उपलब्ध कराएं।