15-18 वर्ष के किशोरों के टीकाकरण के लिए केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री की राज्‍यों के साथ बैठक, दिए नए दिशा-निर्देश, जानें क्‍या कहा

तीन जनवरी से 15 से 18 साल के किशोरों के लिए चलाए जाने वाले इस अभियान को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को नए दिशा-निर्देश जारी किए। पढ़ें यह रिपोर्ट…

 

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। कोविड-19 से बचाव के लिए तीन जनवरी से 15 से 18 साल के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। युवा आबादी के लिए चलाए जाने वाले इस अभियान को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को नए दिशा-निर्देश जारी किए। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलग-अलग टीकाकरण केंद्र स्थापित करने समेत तमाम जरूरी उपाय करने चाहिए ताकि 15 से 18 साल के किशोरों को वैक्‍सीन लगाए जाने के दौरान टीकों के घाल-मेल से बचा जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्‍यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को किशोरों के लिए टीकाकरण के लिए वैक्‍सीनेशन टीम के सदस्यों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही लाभार्थियों की इस श्रेणी के लिए समर्पित टीकाकरण सत्र स्थलों की पहचान करने की सलाह दी है। टीकाकरण के दौरान वैक्‍सीन के मिश्रण से बचने के लिए अलग कोविड टीकाकरण केंद्र और अलग कतार (यदि उसी सत्र में जहां वयस्कों का टीकाकरण चल रहा है तो) का निर्धारण करने को कहा है। यही नहीं किशोरों के लिए अलग टीकाकरण टीम का बंदोबस्‍त करने को कहा है।

 

किशोरों के टीकाकरण के संबंध में दिशानिर्देशों के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्‍यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रमुख सचिवों और अतिरिक्त मुख्य सचिवों (स्‍वास्‍थ्‍य) के साथ एक आनलाइन बैठक की। इस बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई कि वे को-विन पोर्टल का उपयोग करके लाभार्थियों का जिला वार अनुमान लेने के साथ चिन्हित सत्र स्थलों को कोवैक्सिन के वितरण की योजना बनाकर कोविड-19 रोधी वैक्सीन डोज की अपनी आवश्यकता केंद्र सरकार के साथ साझा करें।

मंडाविया ने कहा कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट अत्यधिक संक्रामक है जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर संक्रमण फैल सकता है जिससे चिकित्सा प्रणाली प्रभावित हो सकती है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंडाविया ने राज्यों को कोविड-19 मामलों का प्रबंधन करने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य के बुनियादी ढांचे में सुधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ने की सलाह दी ताकि देश महामारी की नई लहर से बच सके। उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जमीनी स्तर पर काम करने के साथ साथ निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए टीमों को फिर से सक्रिय करने को कहा।

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