ज्येष्ठ के हर मंगल को हनुमान मंदिरों में सोने चांदी की वर्क से बाबा का श्रृंगार किया जाएगा। भक्तों की ओर से हर मंगल को भंडारेे का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए मंदिर में तैयारियां पूरी हो गई हैं।
लखनऊ । 17 मई मंगलवार से ज्येष्ठ मास की शुरुआत हो रही है। उसी दिन मंगलवार होने से बड़ा मंगल भी शुरू होगा। इस बार पांच बड़े मंगल पड़ेंगे। 17 मई, 24 मई, 31 मई, छह जून और 14 जून को मंगल पड़ेगा। जबकि 15 जून से आषाढ़ मास की शुरुआत हो जाएगी।
चांद का निशान देता है एकता का पैगाम : अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर के गुंबद पर चांद का निशान तहजीब के शहर-ए-लखनऊ की एकता और भाई चारे की मिशाल पेश करता है। हर बड़े मंगल को मेला लगने की परंपरा यहीं से शुरू हुई। कहा जाता है कि ज्येष्ठ के पहले बड़े मंगल की शुरुआत अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर परिसर में मेले के रूप में हुई थी।
नवाब सआदत अली के कार्यकाल (1798-1814) के दौरान मंदिर का निर्माण हुआ था। उन्होंने अपनी मां आलिया बेगम के कहने पर मंदिर का निर्माण कराया था। संतान सुख की प्राप्ति होने पर आलिया बेगम ने मंदिर के निर्माण का वादा किया था। मंदिर के गुंबद पर चांद की आकृति हिंदू-मुस्लिम एकता की कहानी बयां करता है। मंदिरों के निर्माण के बाद से यहां मेला लगने लगा। तब से यह परंपरा चलती आ रही है।
पड़ी परिक्रमा (लेटकर मंदिर दर्शन के लिए आते हैं) करते हुए श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह भी कहा जाता है कि केसर का व्यापार करने व्यापारी राजधानी लखनऊ आए थे और उनका केसर बिक नहीं रहा था। नवाब वाजिदअली शाह ने पूरा केसर खरीद लिया था। वह महीना ज्येष्ठ का था और मंगल था। व्यापारियों ने इसकी खुशी में यहां भंडारा लगाया था और तब से यह परंपरा चल पड़ी।
पवनसुत के गुणगान के लिए जहां मंदिरों में तैयारियां पूरी हो गई हैं वही भक्तों की ओर से श्रृंगार करने का कार्य सोमवार दोपहर बाद से ही शुरू हो गया। दो साल से कोरोना संक्रमण का असर भी बड़े मंगल पर पड़ा था। इस बार प्रतिबंध नहीं हैं तो मंदिरों के साथ ही शहर में भंडारों की धूम होगी। पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में एक क्विंटल फूलों सेे श्रृंगार शुरू होगा तो अलीगंज के नए हनुमान मंदिर के कपाट सोमवार को ही खोल दिए जाएंगे।
मंगलवार को मध्यरात्रि तक भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुले रहेंगे। पहले दिन देशी विदेशी पांच क्विंटल फूलों से बजरंगी का गुणगान होगा। अलीगंज के पुराने व नए मंदिरों में परिक्रमा करने वालों के लिए विशेष इंतजाम किए गए जाएंगे। हनुमान सेतु मंदिर के आचार्य चंद्रकांत द्विवेदी ने बताया कि सुरक्षा के साथ दर्शन का इंतजाम होगा। हजरतगंज स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के अलावा लेटे हुए हनुमान मंदिर पर भी श्रद्धालुओं के दर्शन के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
सोने-चांदी से सजेंगे बालाजी : तालकटोरा स्थित श्री बालाजी मंदिर में ज्येष्ठ के हर मंगल को सोने चांदी की वर्क से बाबा का श्रृंगार किया जाएगा। सोने का क्षत्र चढ़ाने के साथ ही भक्तों की ओर से हर मंगल को भंडारेे का आयोजन किया जाएगा। मंदिर के प्रबंधक डीएन अवस्थी ने बताया कि मंदिर में तैयारियां पूरी हो गई हैं। हर मंगल की देर शाम को बाबा के चरणों मेें भजनों का गुलदस्ता भी पेश किया जाएगा।
पंचमुखी हनुमान की मिलेगी कृपा : इस बार जयेष्ठ में पांच मंगल पड़ रहे हैं। 17 मई से ज्येष्ठ मास के मंगल की शुरुआत होगी। ज्येष्ठ के पहले दिन से ही बड़े मंगल की शुरुआत हो रही है। पांच मंगल होने से पंचमुखी हनुमान के दर्शन करने से पवनसुत की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
कैमरा करेगा निगरानी, एसी में होंगे दर्शन : पवनसुत के दर्शन के दौरान धूप में आए श्रद्धालुओं की सुविधा के इंतजाम भी किए गए हैं। अलीगंज के नए हनुमान मंदिर में आठ कैमरे लगाए गए हैं और मंदिर के गर्भगृह में दो एसी लगाए गए हैं जिससे दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को गर्मी का एहसास न हो। कतारों में लगे श्रद्धालुओं के लिए पानी के फौव्वारों वाले पंखे लगाए गए हैं। पुराने हनुमान मंदिर में एक दर्जन से अधिक कैमरे लगाए गए हैं। मेले के लिए दुकाने भी लगने लगी हैं।
लौकी का कोफता और मेवे की खीर : कड़ी धूप में सड़क के किनारे राहगीरों को भोजन कराने और उनकी प्यास बुझाने की परंपरा भी ज्येष्ठ के बड़े मंगल पर मिलती है। बड़े मंगल पर श्रद्धालुओं की ओर से भंडारे के मेन्यू भी तय किए जा चुके हैं। अलीगंज के नए हनुमान मंदिर में लौकी का कोफता, पूड़ी सब्जी के साथ ही मेवे की खीर का वितरण होगा।
पक्कापुल स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर के सामने हलवा और चने का वितरण होगा। हजरतगंज में छोला, पुलाव, कढ़ी के साथ ही परिवर्तन चौक के पास पूड़ी-सब्जी का वितरण होगा। नाका हिंडोला, निशातगंज के साथ ही की के साथ ही सब्जी-पूड़ी, चना, हलवा व बूंदी के साथ ही बताशे का भी वितरण किया जाएगा। इसे लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं।