यूपी के बलरामपुर जिला महिला अस्पताल में एक पिता 2600 रुपये नहीं चुका पाया तो स्टाफ नर्स ने नवजात के साथ उसकी मां को भी वार्ड से निकाल दिया। पूरी रात ठंडे में रहने की वजह से नवजात की मौत हो गई। जिसपर स्वजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा।
बलरामपुर, कदम-कदम पर मरीजों से वसूली के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिला महिला अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की संवेदनहीनता चरम पर है। गुरुवार सुबह पांच बजे स्टाफ नर्स व चिकित्सकों की लापरवाही से एक नवजात की जान चली गई। कारण सिर्फ इतना कि नवजात का पिता बेलवा सुल्तानजोत निवासी मनोज स्टाफ नर्स को प्रसव के नाम पर 2600 रुपये नहीं दे सका था।
नवजात की मौत पर परिवारजन ने अस्पतल में जमकर हंगामा किया। नगर कोतवाली की पुलिस आई तो पीड़ित परिवार को ही समझाकर लीपापोती करने लगी।
इस पर परिवारजन जिलाधिकारी के पास पहुंच गए। मनोज ने अपना दु:खड़ा रोया तो, डीएम डा. महेंद्र कुमार ने सीएमओ को कमेटी बनाकर जांच करने व दोषियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
मनोज ने बताया कि उसने अपनी पत्नी संध्या को बुधवार रात आठ बजे महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। रात में तीन बजे सामान्य प्रसव से बेटे का जन्म हुआ।
कुछ देर बाद स्टाफ नर्स रेनू सिंह ने अपने लिए 2100 व प्रसव कराने वाली कर्मचारी के लिए 500 रुपये की मांग की।
मनोज ने कहा कि मेरे पास सिर्फ 1500 रुपये हैं। 800 अभी ले लीजिए, 700 रुपये मैं रात में दवा आदि के लिए रख लूं।
सुबह कुछ और पैसों का इंतजाम कर दूंगा। मनोज की मां ने भी 200 रुपये मिलाकर 1000 रुपये दिए।
आरोप है कि इस पर स्टाफ नर्स रेनू सिंह भड़क उठीं और प्रसूता संध्या, नवजात व परिवारजन को वार्ड से बाहर भगा दिया। ठंड की रात में पूरा परिवार नवजात को लेकर बाहर बैठा रहा।
नहीं आया कोई चिकित्सक व कर्मीबच्चे की मौत हो जाने पर परिवारजन हंगामा करने लगे, लेकिन सुबह साढ़े 10 बजे तक अस्पताल में कोई चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी नहीं आया। भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष जमील अहमद ने पुलिस को फोन किया। नगर कोतवाली की पुलिस अस्पताल पहुंची और पीड़ित परिवार को समझाने लगी।